दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छठ को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा की दिल्ली इकाई ने नदी के किनारों, मंदिरों में और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजित करने पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग तेज करते हुए मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के आवास के सामने प्रदर्शन किया। वहीं बुधवार को भाजपा सांसद और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को नमकहराम कहते हुए जमकर निशाना साधा है।
कमाल के नमकहराम मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal हैं.. COVID के social distancing नियमो का पालन कर आप छठ नही करने देंगे और guidelines सेंटर से माँगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते है..तो बताए,ये 24 घंटे शराब परोसने के लिए permission कौन से guidelines को फ़ॉलो कर ली थी, बोलो CM pic.twitter.com/vHlTEQb7te
— Office Of Manoj Tiwari (@ManojTiwariOffc) November 18, 2020
मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि “कमाल के नमकहराम मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल हैं.. कोविड के सोशल डिस्टन्सिंग नियमो का पालन कर आप छठ नही करने देंगे और गाइडलाइन सेंटर से मांगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते है..तो बताए, ये 24 घंटे शराब परोसने के लिए परमिशन कौन से गाइडलाइन को फ़ॉलो कर ली थी, बोलो CM।”
वहीं इससे पहले मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुये पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष कौशल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ”पूर्वांचल विरोधी” करार दिया और कहा कि इस प्रतिबंध से दिल्ली में रहने वाले बिहार एवं पूर्वांचल के लोगों की धार्मिक भावनायें आहत हुयी है । भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अगले 24 घंटे के अंदर अपने ”तुगलकी फरमान” को वापस ले ले, नहीं तो पूर्वांचल के लोग इसे उचित समय पर सबक सिखायेंगे ।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थलों तालाबों, नदी तटों और अन्य स्थलों पर छठ पूजा के आयोजन पर लगाए गए प्रतिबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) के अध्यक्ष द्वारा जारी प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।