तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महासचिव अभिषेक बनर्जी और पार्टी के कई अन्य नेताओं को मंगलवार रात हिरासत में ले लिया गया। वही, इन नेताओं का कहना है कि केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने उन्हें शाम 6:30 बजे मिलने का समय दिया था, लेकिन वह नहीं मिलीं, जिसके बाद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी प्रतिनिधिमंडल धरने पर बैठ गया। इन नेताओं ने आगे कहा कि जब तक केंद्रीय मंत्री उनसे मुलाकात नहीं करेंगे तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।
बता दे कि यह घटनाक्रम तब हुआ, जब राज्य को निधि जारी करने की मांग को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच रस्साकशी तेज हो गई तथा तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया।
महात्मा गांधी की जयंती पर यहां राजघाट पर दो घंटे तक धरना देने के एक दिन बाद बनर्जी ने टीएमसी सांसदों,विधायकों और राज्य के मंत्रियों तथा समर्थकों सहित मनरेगा श्रमिकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
बाद में, उन्होंने कृषि भवन में स्थित ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात करने का उनका कार्यक्रम था।
इसको लेकर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहना है कि आज ढाई घंटे का समय बर्बाद हुआ। आज मैं टीएमसी सांसदों का इंतजार करते हुए 8.30 बजे ऑफिस से निकली हूं। मेरी जानकारी के मुताबिक, टीएमसी सांसदों और बंगाल के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने 6 बजे ऑफिस में मिलने का समय लिया था। लेकिन बाद में वह टीएमसी कार्यकर्ताओं को जनता बताकर उनसे मिलना चाहते थे, जो कार्यालय प्रणाली के खिलाफ था। वे बैठक के निर्धारित विषयों से पीछे हट गये क्योंकि उनका इरादा बैठक करना नहीं था, उनका इरादा राजनीति करना था. यह टीएमसी नेताओं द्वारा की गई बेहद शर्मनाक घटना है।'
वही ,टीएमसी नेताओं ने दावा किया है कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।
साथ ही टीएमसी नेताओं ने तब तक जाने से इनकार कर दिया, जब तक कि राज्य मंत्री उनसे नहीं मिलती हैं। वे लोग अपने साथ, पीएम और ग्रामीण विकास मंत्री को संबोधित पत्रों का 'बंडल' लाए थे।
आपको बता दे कि बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेताओं का एक समूह धरने पर बैठ गया, जो रात करीब 9 बजे तक जारी रहा, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया और मंत्रालय परिसर से बाहर निकाल दिया।
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि कुछ नेताओं के मोबाइल फोन भी पुलिस ने ले लिए।