नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम(एमसीडी)की ओर से जारी सीलिंग अभियान के विरोध में कारोबारियों के बंद के आह्वान पर आज राजधानी में अधिकांश बाजार बंद रहे। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आज राजधानी में सात लाख से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा तीन हजार से अधिक बाजार बंद रहे। इस बीच कारोबारियों ने रामलीला मैदान में एक रैली का आयोजन किया जिसमें उनके परिवार के सदस्यों में शामिल महिलाएं एवं बच्चों ने भी भाग लिया।
व्यापारियों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजकर विरोध जताने का प्रयास किया। रैली को संबोधित करते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बुनियादी सवाल उठाते हुए कहा कि सीलिंग के मामले में कानूनी प्रक्रिया का कतई पालन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम कानून 1957 में लोगों को दिए हुए अधिकारों की धज्जियां उड़ई जा रही हैं। श्री खंडेलवाल ने केंद, सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली को ठीक करने के लिए एक बार सीलिंग को तुरंत रोका जाए।
उन्होंने उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की जिसमें केंद, एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी समेत दिल्ली के व्यापारियों के प्रतिनिधि भी शामिल हों और कमेटी पिछले तीन मास्टर प्लान की विफलता के कारणों की जांच करते हुए अगले मास्टर प्लान को एक बेहतर दस्तावेज बनाने के लिए सिफारिश दें। विज्ञप्ति के अनुसार रैली में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में केंद, से मांग की गयी है कि किसी भी व्यापारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन अवश्य किया जाए। व्यापारियों को सीलिंग से तुरंत राहत देने के लिए कम से कम एक साल का मोरेटोरियम बिल संसद के चालू सत्र में लाया जाए। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री विधानसभा के चालू सत्र में सीलिंग पर रोक लगाने का बिल पारित कर केंद, सरकार को मंजूरी के लिए भेजे।
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