दिल्ली में हिंसा में मारे गये राजस्थान में सीकर जिले के हेड कांस्टेबल रतनलाल को केंद्र सरकार ने शहीद का दर्जा दिया है। आज सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस में हैडकांस्टेबल रतनलाल की पत्नी को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये और शहीद को मिलने वाले समस्त परिलाभ दिये जायेंगे।
बता दें, इस मांग को लेकर शहीद के पैतृक गांव सीकर जिले में फतेहपुर-शेखावटी तहसील के तिहावली में ग्रामीण कल से धरने पर बैठे थे। उधर इसी मांग को लेकर हजारों ग्रामीणों ने फतेहपुर मंडावा मार्ग जाम कर दिया था।
बता दे, शहीद रतन लाल दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र के अमृत विहार कॉलोनी में रहते थे। रतन लाल अपने पीछे तीन बच्चों, सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) को छोड़ गए हैं। जब उनकी पत्नी पूनम को पति के शहीद होने की खबर मिली वह बेहोश हो गई थीं।
रतन लाल 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था। रतन लाल के शहीद होने की खबर से उनके पैतृक गांव में मातम पसर गया है।
दयालपुर थाने में तैनात सहायक पुलिस उप-निरीक्षक स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया, “सोमवार को दोपहर बाद दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों के बीच फंसकर जिंदगी गंवाने वाले हवलदार (एसीपी गोकुलपुरी के रीडर) रतन लाल की मौत के मामले में मंगलवार को ही दयालपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की तफ्तीश की जा रही है। अभी तक हमलावरों का पता नहीं चल सका है। मौके पर लगे कुछ सीसीटीवी की तलाश जारी है। सीसीटीवी रतन लाल के असली हत्यारों तक पहुंचाने में पुलिस के लिए बेहद मददगार साबित होंगे।”