नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिसर्च के बाद देश में 40 गुना तेजी से बढ़ रहे मधुमेह पर सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। आयुष्मान भारत के तहत मधुमेह मरीजों की निःशुल्क स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए देश भर में खुल रहे डेढ़ लाख स्वास्थ्य केंद्रों को चिन्ह्ति भी कर लिया है, जहां आयुर्वेद पद्धति से तैयार सरकार के बीजीआर-34 के जरिए इसका उपचार मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने जिला और गांव स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं की हकीकत जानने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वतंत्र राष्ट्रीय निरीक्षकों की नियुक्ति करना भी शुरू कर दिया है। मास्टर प्लान के तहत जनस्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाएं दे चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस कार्य के लिए तैनात किया जाएगा। जिला स्तर की रिपोर्ट सरकार तक निरीक्षक को भेजनी पड़ेगी। हर परिवार में बकायदा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निःशुल्क जांच होगी। मरीज मिलने पर उसका रिकॉर्ड दिल्ली तक पहुंचेगा। साथ ही मरीज को निःशुल्क इलाज मिलेगा।
डायबिटीज या मधुमेह के मरीज इन चीजों से रहे दूर वर्ना उठानी पड़ सकती है मुसीबत !
आईसीएमआर वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक रिसर्च के जरिए दावा किया कि देश में मधुमेह बीमारी 40 गुना तेजी से बढ़ रही है। 28 साल के दौरान मधुमेह का स्तर औसतन 25 से बढ़कर 60 फीसदी पार कर चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव ने बताया कि इस वक्त देश में मधुमेह ग्रस्त साढ़े छह करोड़ मरीज हो चुके हैं। सबसे ज्यादा 8.36 लाख मरीज तामिलनाडु में हैं, जबकि 3.30 लाख मरीजों के साथ पंजाब दूसरे नंबर पर है। सीएसआईआर ने आयुर्वेद के जरिए बीजीआर 34 दवा को विकसित किया था, जिसे दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने मधुमेह के लिए कारगार साबित किया है। इन्हीं रिसर्च को सरकार अब आयुष्मान भारत के साथ जोड़कर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाना चाहती है।