नई दिल्ली: जीवित नवजात को मृत करार देने के मामले के प्रारंभिक जांच में मैक्स अस्पताल को दोषी करार दिया गया है। दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में यह पाया गया है कि अस्पताल ने नवजात को मृत करार देने में तय मानकों और प्रोसिजरों का पालन नहीं किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से आई खबर के अनुसार तीन डॉक्टरों की टीम ने मंगलवार सुबह ही स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। इसमें बताया गया है कि नवजात को मृत करार देने से पहले उसका ईसीजी जांच नहीं की गई थी।
इसके साथ ही बॉडी परिजनों को देते समय कोई लिखित निर्देश भी नहीं दिया गया था। वहीं अस्पताल में जीवित और मृत बच्चों को अलग-अलग भी नहीं रखा जा रहा था। रिपोर्ट आ जाने के बाद अब सरकार अस्पताल के भविष्य का फैसला करेगी। इस मामले में सरकार ने पहले ही अस्पताल का लाइसेंस खत्म करने की बात कह चुकी है। मैक्स की ओर से कहा गया कि यह रिपोर्ट प्राथमिक है और मैक्स पूरी रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है।
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