नई दिल्ली: मैक्स अस्पताल में दो जिंदा बच्चों को मृत घोषित किए जाने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों से मंगलवार को पूछताछ की। शालीमार बाग मैक्स अस्पताल की एमएस के अलावा यूनिट इंचार्ज और बच्चे के शरीर को हैंडओवर करने वाली डॉक्टर को अपराध शाखा ने तलब किया था तो वहीं बच्चे के शरीर को पैक करने वाली दो नर्सों को भी बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार पांचों लोगों के बयान दर्ज करने के अलावा उनसे अलग-अलग कमरे में पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपने आप को सुरक्षित रखते हुए पूरी जिम्मेदारी डॉक्टरों के कंधे पर डाल दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पांचों लोगों से कई घटों तक पूछताछ की गई, जिसमें दोनों बच्चों की मौत से जुड़े सवाल पूछे गए।
हालांकि पूरी पूछताछ के बाद अभी तक पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन पुलिस अब पांचों लोगों के जवाब का विश्लेषण करेगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नवंबर महीने में शालीमार बाग थाना पुलिस के पास मैक्स के डॉक्टरों की लापरवाही से दो मासूम बच्चों की मौत होने की शिकायत आई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच अपराध शाखा को सौंप दी। अपराध शाखा की टीम ने सभी दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भेज दिया था, लेकिन अभी तक डीएमसी से कोई जवाब नहीं आया है। पुलिस ने बीते सप्ताह डीएमसी को इस बाबत रिमांइडर भी भेजा है।
पूलिस के अनुसार डीएमसी के जवाब के बाद ही लापरवाही किसकी थी, यह जिम्मेदारी तय हो सकेगी और उससे पहले पुलिस पूछताछ करके सिर्फ बयान ही दर्ज कर रही है। अस्पताल के एमएस ने जहां डॉक्टरों को जिम्मेदार बताया है तो वहीं बच्चे को पैक करने वाली नर्सों की दलील है कि उन्होंने डॉक्टरों के आदेश का पालन किया। पुलिस उपायुक्त अपराध शाखा जॉय टिर्की ने पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने पांचों लोगों से पूछताछ की है, लेकिन अभी तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकी है। इस मामले में नर्स, डॉक्टर और गार्डों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें वह दोनों डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन्होंने 22 सप्ताह पहले बच्चों की मां का आईवीएफ टेस्ट किया था।
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– रवि भूषण द्विवेदी