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सीलिंग पर कोहराम

मायापुरी इलाके में शनिवार को हुई सीलिंग के दौरान दुकानदारों और पुलिस बल के बीच पथराव ने चुनावी दौर में फिर एक बार सीलिंग का मुद्दा गरमा दिया है।

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के मायापुरी इलाके में शनिवार को हुई सीलिंग के दौरान दुकानदारों और पुलिस बल के बीच पथराव ने चुनावी दौर में फिर एक बार सीलिंग का मुद्दा गरमा दिया है। इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं ने भी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार को पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र में उस समय भारी हंगामा हो गया जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीलिंग पर गठित निगरानी कमेटी के निर्देशों पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की टीम ने प्रदूषण फैलाने वाली करीब पांच यूनिट सील कर दीं।

जिसके बाद सीलिंग टीम और उसके साथ पहुंचे पुलिस बलों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। यहां बता दें कि मायापुरी इंडिस्ट्रयल एरिया (कबाड़ मार्केट) को लेकर पिछले दिनों एनजीटी ने सीलिंग का आदेश दिया था। दरअसल मायापुरी में गैस कटर व अन्य तरीकों से होने वाले प्रदूषण को लेकर एनजीटी सख्त था। इसकी जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया गया था। जिसमें एमसीडी के अलावा डीपीसीसी और दिल्ली सरकार के एसडीएम नेभी अपनी जांच रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी थी।

इसी के आधार पर एनजीटी ने मार्केट कीदुकानों को सील करने का आदेश दिया था। आरोप है कि शनिवार सुबह करीब 10.00 बजे बिना सूचना दिए निगम का दस्ता दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफऔर आईटीबीपी के जवानों के साथ वहां पहुंच गया। जैसे ही निगम के दस्ते ने सीलिंग की कार्रवाई शुरू की, इसका विरोध शुरू हो गया। देखते ही देखते दुकानदारों की भारी भीड़ जमा हो गई। लोगों ने एनजीटी, निगम और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई, पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ का गुस्सा बढ़ता ही गया।

दोपहर करीब 12.30 बजे भीड़ ने सुरक्षा बलों व पुलिस पर पथराव कर दिया। शुरुआत में भीड़ ने आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवानों को गिराकर पीटना शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त फोर्स को बुलाया गया। बाद में सुरक्षा बलों ने भीड़ को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। करीब एक घंटे चले बवाल में कई पुलिसकर्मियों के सिर भी फूट गए। साथ ही कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने हालात काबू कर सीलिंग की कार्रवाई शुरू करवा दी। संयुक्त आयुक्त मधुप तिवारी और जिला डीसीपी मौके पर डटे रहे।

पिछले दिनों किए गए सर्वे में मिली थीं अनियमितताएं
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनल (एनजीटी) के आदेशों पर हुई इस सीलिंग की कार्रवाई से पहले स्वयं एनजीटी ने एक एसटीएफ का गठन किया था। एसटीएफ की इस टीम में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी, एमसीडी, दिल्ली पुलिस और एसडीएम आदि शामिल थे। इस संयुक्त टीम ने मायापुरी मार्केट का निरीक्षण करके आगे अपनी रिपोर्ट भेजी थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर यह शनिवार को सीलिंग की यह कार्रवाई शुरू हुई। स्थानीय लोगों की माने तो कुछ दिन पहले भी यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी।

कांग्रेस ने की सीलिंग की कड़ी निंदा
मायापुरी में की हुई सीलिंग के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने रोष प्रकट किया है। दुकानदारों के ऊपर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को पार्टी ने निंदनीय बताया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जितेन्द्र कोचर ने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। पहले से ही लोगों के बिजनेस नहीं हैं ऊपर से सीलिंग की मार। लोग जाए तो कहां जाएं, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों दोषी हैं। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र के अंदर कांग्रेस सरकार थी तो अध्यादेश के माध्यम से लोगों को सीलिंग से राहत दी गई थी। लेकिन आज भाजपा और आप की मिलीभगत से लोगों के उपर अत्याचार किए जा रहे हैं जिसकी हम निंदा करते हैं।

दिल्ली सरकार ने दिया जानबूझकर राजनीतिक रंग : नरेंद्र चावला
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में हुई इस सीलिंग को लेकर महापौर नरेन्द्र चावला ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। चावला ने कहा कि यह सीलिंग डीपीसीसी और एसडीएम के कहने पर हुई थी। इस दौरान पथराव व लाठीचार्ज किया जाना बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश के बाद भी अगर ये सीलिंग हो रही थी तो लोगों को समय दिया जाना चाहिए था।

दिल्ली सरकार ने इस मामले को राजनीतिक रंग देने के लिए जानबूझकर शनिवार का दिन चुना जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि त्योहार के दिन है, जो भी कुछ हुआ, वे उसकी निंदा करते हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।

दोबारा कराएंगे सर्वे : प्रवेश वर्मा
पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने मायापुरी सीलिंग मामले में डीपीसीसी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की खिंचाई की है। उन्होंने कहा कि सीलिंग मामले की एनजीटी में सुनवाई चल रही थी। डीपीसीसी इस मुद्दे पर प्रभावकारी तारीके से अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। साथ ही दक्षिणी निगम ने डीपीसीसी के निर्देश पर मायापुरी में गलत सर्वे किया।

निगम ने भी मायापुरी में जिन 812 यूनिट का सर्वे किया उनमें से 90 प्रतिशत प्रदूषणकारी नहीं हैं। वर्मा ने कहा कि फिलहाल तो हमने उपराज्यपाल एवं मुख्य सचिव से बात करके सीलिंग रुकवा दी है। सोमवार को इस बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर दोबारा से सर्वे कराने की मांग करेंगे। सांसद ने कहा कि जो लोग 40 साल से यहां काम कर रहे हैं। उन्हें रातोरात नहीं हटाया जा सकता।

मायापुरी की फर्म पर लगा 50 लाख का जुर्माना : एनजीटी के निर्देश पर डीपीसीसी ने मायापुरी स्थित एक फर्म के खिलाफ प्रदूषण फैलाने के आरोप में 50 लाख का पॉल्यूशन डैमेज चार्ज लगाया है। यह जुर्मान गैलेक्सी कार और दप्रीत सिंह नामक फर्म पर लगाया गया है। फर्म को यह राशि डीपीसीसी के फेवर में डिमांड ड्रॉफ्ट द्वारा जमा करानी होगी। उक्त राशि जमा न कराने पर फर्म से यह धनराशि लैंड रैवेन्यू के एरियर के रूप में वसूल की जायेगी। साथ ही फर्म के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

जानकारी के अनुसार डीपीसीसी के अधिकारियों ने गत 28 मार्च को मायापुरी में स्क्रैप मार्कीट का निरीक्षण किया था। इस दौरान अधिकारियों ने शिकायत वाली जगह पर गाडियों की बॉडी और इंजन का स्क्रैप इधर-उधर बिखरा मिला। इसमें ऐसा स्क्रैप था प्रदूषणकारी होने के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक था।

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