नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में मायापुरी स्क्रैप मार्केट के व्यवसायियों ने उनकी कंपनियों को चलाने की अनुमति दिलाने की मांग को लेकर याचिका डाली है। याचिका में बिजली-पानी फिर से चालू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। व्यवसायियों ने हाईकोर्ट को याचिका के माध्यम से बताया कि उन्होंने एनजीटी और दिल्ली कैंट एसडीएम आदेश पर प्रदूषण फैलाने को लेकर मुआवजे की रकम जमा करा दी है। प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए भी ठोस कदम उठा लिए हैं।
अब उन्हें फिर से व्यवसाय करने की अनुमति दिलाई जाए क्योंकि यह उनके परिवार की जीविका से जुड़ा हुआ है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और बीएसईएस से जवाब मांगा है। और इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई निर्धारित कर दी है। कंपनियों को फिर से बिजली-पानी बहाल करने की मांग करते हुए बीपीएल इलेक्ट्रिकल सहित पांच कंपनियों ने वकील गगन गांधी के माध्यम से याचिका दाखिल की है।
उनकी तरफ से सीनियर वकील वी शेखर ने कोर्ट से कहा कि डीपीसीसी के आग्रह पर एसडीएम ने 18 जून को कंपनियों का बिजली-पानी काटने का निर्देश दिया था। साथ ही सभी से प्रदूषण फैलाने को लेकर 4-4 लाख रुपए का मुआवजा जमा कराने का निर्देश दिया था। एसडीएम के निर्देश पर बिजली कंपनी और दिल्ली जल बोर्ड ने उनका बिजली-पानी काट दिया था। सभी ने मुआवजे की राशि जमा करा दी है और वायु व जल प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठा लिए हैं। ये लोग कई छोटे-छोटे उद्योग धंधे चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
इसे देखते हुए कोर्ट बिजली कंपनी व जल बोर्ड को निर्देश दे दिए कि वे उनका बिजली-पानी शुरू कर दें। साथ ही एनजीटी ने उन लोगों को कही अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा था तो इसके लिए सभी कंपनियों ने आवेदन दे दिए हैं। सरकार से उन आवेदनों को जल्द निपटा कर उन्हें अन्यत्र जगह मुहैया कराने का निर्देश दे।