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गुजरात में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाना दुर्भाज्ञपूर्ण : मायावती

मामले में उन्हें तत्काल अपनी बात देश के सामने रखनी चाहिये और इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिये कि उनकी बातों का क्या असर वहाँ के लोगों पर पड़गा।

बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गुजरात में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाये जाने की घटनाओं को दुर्भाज्ञपूर्ण बताते हुये कहा कि यह देश के लिये बड़ चिन्ता की बात है तथा इसे हर हाल में त्ररूर रोका जाना चाहिये। सुश्री मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर मंगलवार को जारी बयान में कहा कि गुजरात राज्य में मुस्लिमों तथा दलितों के बाद अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के कार्यकर्ता उत्तर भारतीयों को अपना निशाना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार को कड़ एक्शन लेना चाहिये तथा उत्तर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि गुजरात में उत्तर प्रदेश तथा बिहार आदि के सर्वसमाज के हत्रारों गरीबों, मजदूरों तथा कारीगरों के परिवारों की अपनी अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर होना पड़ रहा है। गैर गुजराती मेहनतकश लोगों पर इस प्रकार की जुल्मज्यादती, हिंसा, तनाव तथा अराजकता का जो नया माहौल पैदा हो गया है, यह देश के लिये बड़ चिन्ता की बात है तथा इसे हर हाल में त्ररूर रोका जाना चाहिये।

 सुश्री मायावती ने कहा कि जिस किसी ने भी गलत काम किया है उसे उसकी कानूनी सजा मिलना ही चाहिये, लेकिन उसकी आड़ में उत्तर प्रदेश तथा बिहार आदि राज्यों के गरीबों, मजदूरों तथा कारीगरों के समस्त परिवारों को हिंसा का शिकार बनाना सर्वथा अनुचित ही नहीं बल्कि घोर निन्दनीय भी है।

इस प्रकार के भेदभाव से क्षेत्रवाद को बढ़वा मिलता है जिससे देश कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोगों ने इस प्रकार का भेदभाव कभी भी किसी के साथ नहीं किया है और यहाँ तक की गुजरात से ताल्लुक रखने वाले श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को वाराणसी से सांसद चुनकर लोकसभा में भी भेजा हुआ है और वे देश के प्रधानमंत्री हैं। इस मामले में उन्हें तत्काल अपनी बात देश के सामने रखनी चाहिये और इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिये कि उनकी बातों का क्या असर वहाँ के लोगों पर पड़गा।

 बसपा अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात के खासकर मेहसाणा, साबरकांठा समेत छह जिलों में गैर गुजरातियों में से खासकर उत्तर प्रदेश तथा बिहार आदि राज्यों के लोगों पर जो हिंसक हमले हो रहे हैं उससे जान बचाने के लिये सैकड़ परिवारों के हजारों लोग मजबूरी में जैसे-तैसे अपने गाँव-घर वापस लौट रहे हैं, लोगों में जबर्दस्त भय तथा असुरक्षा पैदा हो गई है। ऐसे माहौल में भी गुजरात की भाजपा सरकार का रवैया अपेक्षित तौर पर स़ख्त नहीं होकर हमेशा की तरह ही काफी लचर बना हुआ है। इस सम्बन्ध में खासकर उत्तर प्रदेश व बिहार सरकार की काफी देर समय तक चुप रही।

गौरतलब है कि गजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वहां के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की। गुजरात के मुख्यमंत्री ने योगी से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं। मेरी सरकार सबके सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। तीन दिनों से उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों के साथ कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। स्थानीय प्रशासन पर भरोसा रखें और उनसे सहयोग करें।

गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद श्री योगी ने कहा कि गुजरात शांतिप्रिय प्रदेश होने के साथ खुद में देश के लिए विकास का मॉडल भी है। विकास विरोधी लोग ही अफवाह फैलाकर वहां की सामाजिक समरसता को बिगाड़ऩ की साजिश रच रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने हालात से निबटने के लिए गुजरात सरकार की पहल की सराहना की। कहा कि पूरे घटनाक्रम पर प्रदेश सरकार की नजर है। मैं लगातार वहां की सरकार के संपर्क में हूं।

पिछले दिनों एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में बिहार के एक व्यक्ति का नाम आने के बाद से ही गुजरात में उत्तर भारतीय (बिहार तथा उत्तर प्रदेश) समुदाय के लोगों पर हमले की घटनाएं हुईं। इन लोगों को गुजरात छोड़ऩ की धमकियां दी जा रही हैं। दहशत के चलते बड़ संख्या में लोगों ने वहां से पलायन किया। अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, मेहसाणा, सांबरकांठा आदि जिले इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। शुरू में हालात इतने खराब थे कि गुजरात सरकार को पुलिस कर्मियों की छुटियां रद्द करनी पड़ थी।

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