राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर सियासी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चार दिसंबर को दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने है। इसमें मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होना है। वहीं तीसरे मोर्चे के रूप में कांग्रेस भी कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
पिछले चुनाव परिणाम पर नजर डाले तो भाजपा को 181, आप को 49 और कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली थी। यह चुनाव कई मायनों में खास है क्योंकि दिल्ली में केजरीवाल की आप सत्ता में है तो दूसरी ओर भाजपा लंबे समय से नगर निगम में शासन में है। MCD को भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। गुजरात चुनाव में व्यस्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एमसीडी चुनाव के लिए 10 ‘‘वादों’’ की बृहस्पतिवार को घोषणा करेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी दी। आप के लिए इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण है। आप के भविष्य पर इस चुनाव के नतीजों का गहरा प्रभाव पड़ेगा। केजरीवाल की पार्टी निगम में भ्रष्टाचार, राजधानी में कचरे के पहाड़, दिल्ली की सड़कों पर आवारा जानवरों जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में उतर रहीं है।
7 दिसंबर को घोषित होंगे नतीजे
दिल्ली नगर निगम का चुनाव नए परिसीमन के बाद हो रहा है। पहले निगम तीन भागों में बटा हुआ था। लेकिन अब उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पूर्वी दिल्ली। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसी वर्ष मई में तीनों को मिलाकर एक कर दिया। ऐसे में किसके पक्ष में परिणाम आएंगे यह सस्पेंस बना हुआ है। दिल्ली में एमसीडी के 250 वार्ड के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा और नतीजे 7 दिसंबर को घोषित होंगे। गुजरात और दिल्ली में एक ही समय में हो रहे चुनाव से आम आदमी पार्टी को नुकसान होने की पूरी संभावना है।