आम आदमी पार्टी के मुताबिक डीडीए पर एमसीडी का दो हजार करोड़ रुपए बकाया है। एक ओर एमसीडी अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रही और वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के अधीन आने वाले डीडीए से एमसीडी ने यह रकम वापस लेने की कोशिश तक नहीं की। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, हमें पता चला है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले डीडीए पर भाजपा शासित नार्थ एमसीडी और साउथ डीएमसी का दो हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। आम आदमी पार्टी ने ईस्ट एमसीडी से भी डीडीए पर बकाया राशि की जानकारी मांगी है, लेकिन ईस्ट एमडीसी ने अभी तक जानकारी नहीं दी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, हम दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और डीडीए के सदस्य आदेश गुप्ता से जानना चाहते हैं कि उन्होंने अभी तक एमसीडी का बकाया 2 हजार करोड़ रुपए डीडीए से लाने की कोशिश क्यों नहीं की। विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि, आदेश गुप्ता जब से भाजपा दिल्ली के अध्यक्ष बने हैं, तभी से उनके पास एक ही लाइन है कि अरविंद केजरीवाल हमें हजारों करोड़ रुपए दे दीजिए। हम लोगों का मानना है कि दिल्ली नगर निगम में अब भाजपा के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। लिहाजा उन्होंने 2 तरीके से काम करना शुरू किया है। पहला, जहां-जहां से दिल्ली नगर निगम को पैसा आता है, ऐसे राजस्व के स्रोतों से जानबूझकर पैसा लेना बंद कर दिया है। संपत्ति टैक्स से लेकर विज्ञापन, टोल टैक्स आदि से एमसीडी के खाते में जो भी पैसा आना चाहिए, वह खाते में न आकर अफसर और नेताओं की जेब में जा रहा है।
भारद्वाज ने कहा कि इसके हमने कई सारे उदाहरण जनता के सामने पेश किए हैं। संपत्ति टैक्स के मामले हों, बाहरी विज्ञापन के मामले हों, पार्किं ग के मामले हों, सभी जगह से पैसा अधिकारी और नेताओं की जेब में जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, उसी श्रृंखला के तहत दिलचस्प दस्तावेज हमने हासिल किए हैं। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता रोजाना सुबह उठकर कहते हैं कि केजरीवाल जी हमें इतना पैसा दे दीजिए। वह डीडीए के अंदर सदस्य बने हैं। वैसे भी डीडीए केंद्र सरकार की भाजपा के अधीन है। उत्तरी एमसीडी के हमारे नेता प्रतिपक्ष ने सवाल पूछा था कि उत्तरी नगर निगम को डीडीए से अलग-अलग मदों में कितनी राशि लेनी है। उन्होंने 2020 तक के आंकड़े तो नहीं बताए, लेकिन 31 मार्च 2018 तक 857 करोड़ रुपए डीडीए से नार्थ एमसीडी को लेने हैं। उसी अनुपात में 2021 में इसे देखेंगे तो करीब-करीब 1200 करोड रुपए बनते हैं। आप के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि जोन से अभी जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है। मगर मुख्यालय को डीडीए से 535 करोड़ रुपए लेने हैं। दक्षिणी दिल्ली के अगर जोन को भी मिला लें तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और उत्तरी नगर निगम को डीडीए से करीब 2000 करोड़ रुपए लेना है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम से अभी जानकारी नहीं आई है। वह जानकारी नहीं दे रहे हैं।