दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की मतगणना समाप्त हो चुकी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में जनता ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) को सेवा करने का अवसर दिया हैं। एमसीडी चुनाव में ‘आप’ ने 134 सीटें, भाजपा ने 104 सीटें, कांग्रेस ने 9 सीटें एवं निर्दलीय ने 3 सीटों पर कामयाबी हासिल की है। आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्डों पर ‘आप’ विरोधी दलों ने जीत हासिल की है। आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन के इलाके में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है।
इसे देखकर जनता में यह जानने की इच्छा है कि जिस अरविन्द केजरीवाल की बदौलत ‘आप’ ने इतनी बड़ी जीत दर्ज की है। उनके इलाके में जनता ने किसे मौका दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के चीफ अरविन्द केजरीवाल सिविल लाइंस में रहते हैं। इस वार्ड में ‘आप’ के विकास टांक ने भाजपा के सरदार अवतार सिंह और कांग्रेस के चरण दास को भारी मतों से हराया है।
भाजपा का निराशाजनक प्रदर्शन
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) का एकीकरण कर दिया था तथा परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी थी। तीनों निगमों के विलय से पहले सिविल लाइंस उत्तरी दिल्ली नगर निगम का भाग था। एमसीडी चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन ने शीर्ष नेतृत्व को विचार-विमर्श करने पर मजबूर कर दिया है। बात करे पिछले एमसीडी चुनाव की तो 272 सीटों में से भाजपा ने 181 आप ने 48 और कांग्रेस ने 30 सीटें जीती थी। माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा न होना भगवा पार्टी के लिए चुनौती बन चुका है।