खटीमा : जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ कैंप में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए चंद्रिका प्रसाद पंचत्तव में विलीन हो गए हैं। शहीद का अंतिम संस्कार नेपाल सीमा पर स्थित जगबुड़ा नदी किनारे किया गया। रविवार शाम शहीद हुए चंद्रिका का पार्थिव शरीर सुबह ही खिलड़िया गांव पहुंचा। पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी।
अंतिम संस्कार से पहले शहीद को सैन्य सम्मान के साथ सात तोपों की सलामी दी गई। सीआरपीएफ, क्षेत्रीय विधायक पुष्कर धामी ने भी शहीद के पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। खटीमा के लाल शहीद चंद्रिका प्रसाद की अंतिम यात्रा देश भक्ति नारों से सीमान्त क्षेत्र गूंज गया।
इस मौके पर सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि खटीमा के लाल चंद्रिका प्रसाद 183 सीआरपीएफ बटालियन जम्मू कश्मीर में तैनात थे।रविवार को सीआरपीएफ कैंप में हुए आतंकी हमले को इन्होंने बड़ी बहादुरी के साथ विफल किया। लेकिन दुर्भाग्य से एक गोली लगने से वो वीरगति को प्राप्त हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ इनकी शहादत को बेकार जाने नहीं देगी। वो भारतीय सीमाओं पर और बहादुरी से कार्य कर देशभर में आतंकियों का सफाया करने का काम करेंगे। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक खटीमा पुष्कर धामी ने कहा कि खटीमा के लोगों के लिए गर्व का पल है कि हमारे खटीमा के लाल ने देश रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया।
उनकी शहादत को नमन कर हम सभी को देश से आतंकवादियों व अलगाववादियों के सफाया करने का संकल्प लेना चाहिए। बता दें कि रविवार शाम करीब 7:30 बजे आतंकियों ने पुलवामा में काकपोरा रेलवे स्टेशन के पास स्थित सीआरपीएफ की 183वीं वाहिनी के शिविर पर हमला बोला। आतंकियों ने पहले शिविर पर अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (यूबीजीएल) दागे और उसके बाद स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलियां चलाई।