दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास बीजेपी बनाम बीजेपी का मुद्दा पहुंचा है। गांधीनगर से बीजेपी के विधायक अनिल कुमार बाजपाई ने पार्टी सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। पत्र में विधायक ने गौतम गंभीर के खिलाफ CBI जांच की मांग की है।
विधायक अनिल कुमार बाजपेयी ने अपने पत्र में 'कूड़ा घरों' के लिए आवंटित जमीन को जन रसोई के लिए इस्तेमाल पर सवाल उठाया है। उन्होंने उपराज्यपाल को खत लिखकर इस 'अवैध आवंटन' की सीबीआई से जांच की मांग की है। विधायक ने दावा किया है कि इससे कुछ इलाकों में सफाईकर्मियों को कूड़ा इकट्ठा करने में मुश्किल आ रही है।
क्या है मामला?
उपराज्यपाल को लिखे खत में बाजपेयी ने कहा कि कूड़ा घरों को रसोई, लाइब्रेरी और दूसरी चीजों में बदल दिया गया है। इसका मालिकाना हक भी एक व्यक्ति को दे दिया गया है जो कई एनजीओ और निजी संगठन चलाता है। उन्होंने कहा कि इससे सफाईकर्मियों को कुछ इलाकों में कूड़ा इकट्ठा करने में दिक्कत हो रही है। मामले में सीबीआई जांच के बाद कूड़ाघरों के अवैध आवंटन में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
आपको बता दें कि पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने एक फाउंडेशन बनाया है जो उनके संसदीय क्षेत्र में काम में नहीं लाए जा रहे कूड़ा घरों (परित्यक्त कूड़ा घरों) को एमसीडी से लीज पर लेता है। फिर उसमें 'जनरसोई' (मुफ्त में भोजन की व्यवस्था) बनाई गईं है। प्रिया विहार में ऐसे ही एक परित्यक्त कूड़ा घर में लाइब्रेरी का निर्माण हुआ है जिसका अगले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उद्घाटन कर सकते हैं।
पत्र पर क्या बोले विधायक?
विधायक बाजपेयी का कहना है कि उन्होंने जुलाई में उपराज्यपाल को खत लिखा था। अभी हाल में उन्होंने एमसीडी कमिश्नर को खत लिखकर 'अवैध आवंटन' की जांच की मांग की है। जुलाई में लिखे खत के अब सामने आने पर उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि वो खत अब क्यों घूम रहा है। मैंने किसी व्यक्ति को निशाना बनाकर नहीं लिखा है। मैं बस ये चाहता हूं कि एमसीडी कूड़ाघरों का आवंटन सही तरीके से टेंडर के जरिए करे।'