नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक कपिल मिश्रा को शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया। करावल नगर से विधायक कपिल के खिलाफ आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी।
इस बारे में विधानसभा की तरफ से एक बयान जारी किया गया है जिसके अनुसार करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा को संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत अयोग्य घोषित किया जाता है। मिश्रा का निष्कासन 27 जनवरी 2019 से प्रभावी रहेगा। इसके बाद अब करावल नगर की सीट रिक्त मानी जाएगी।
वहीं विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर कपिल मिश्रा ने कहा कि मोदी जी के लिए अभियान चलाने पर मैं एक क्या सौ बार विधायक की कुर्सी कुर्बान कर सकता हूं। एक तरफ देशभक्त और एक तरफ टुकड़े-टुकड़े गैंग है। मैं सारी दिल्ली के साथ खड़ा था। अभी मोदी के लिए दिल्ली के सातों सीटें के लिए अभियान चलाया और अब विधानसभा चुनाव में साठ सीटों के लिए अभियान चलाऊंगा।
कपिल ने कहा कि जिस प्रकार से इस पूरे मामले की सुनवाई की गई, आधी सुनवाई के बीच में फैसला सुनाया गया व मुझे कोई भी गवाह व तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई, एक तरह से कानून व विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है। जिस प्रकार कानून व प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गईं, ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है। कोर्ट में ये आदेश एक दिन भी नहीं टिक पाएगा। इस अलोकतांत्रिक, गैरकानूनी और विधानसभा व जनता का अपमान करने वाले कानून के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा।
‘भाजपा नेतृत्व मिश्रा को पार्टी में शामिल करने को तैयार नहीं’
कपिल मिश्रा की सदस्यता रद्द किये जाने पर दिल्ली में राजनीति शुरु हो गई है। कपिल मिश्रा की सदस्यता पर मनोज तिवारी के बयान के बाद अब आप ने तिवारी पर निशाना साधा है। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि तिवारी बहुत कोशिश कर रहे हैं लेकिन भाजपा नेतृत्व कपिल मिश्रा को औपचारिक रूप से शामिल करने के लिए तैयार नहीं है।
ऐसा इसीलिए है क्योंकि दिल्ली विधानसभा में अपनी टेलीफोनिक रिकॉर्डिंग चलाने के लिए भाजपा के नेता कपिल मिश्रा से बहुत नाराज़ हैं। साथ ही भारद्वाज ने आरोप लगाया कि मिश्रा अपने करावल नगर इलाके से फरार हो गया है। कपिल कोई और विधानसभा ढूढ रहे हैं लेकिन कोई भी पार्टी उन्हें शामिल नहीं करेगी।
केजरीवाल के खिलाफ आवाज उठाने वाले को दिखाया बाहर का रास्ता : मनोज तिवारी
अरविन्द केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मसले पर टुकड़े-टुकड़े गैंग पर कटाक्ष करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जब कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर व्यक्तिगत टिप्पणी की और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सियासी जमीन को हिला कर रख दिया तो केजरीवाल ने किस के दबाव में आकर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
यदि केजरीवाल के लिए भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी करना कोई गुनाह था और वह इसको संरक्षण नहीं देते थे तो पिछले दो साल से विधायक मिश्रा की सदस्यता खत्म करवाने के लिये किसके आदेश का इंतजार कर रहे थे। सच्चाई तो यह है कि कपिल मिश्रा ने केजरीवाल की सियासी जमीन की ईंट से ईंट बजा दी थी तब केजरीवाल मौन साध कर क्यों बैठे थे ? जबकि हर छोटी-बड़ी घटना पर केजरीवाल तुरन्त कार्रवाई करते हैं।
केजरीवाल अपने खिसकते जनाधार को बचाने के लिए हर वो काम कर रहे हैं, जो उन्हें एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए नहीं करना चाहिए। मिश्रा ने यदि राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी के लिए प्रचार किया है तो क्या यह गुनाह है?