नई दिल्ली : कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आज आरोप लगाया कि वह विनिवेश के लक्ष्यों के आँकड़ हासिल करने और राजकोषीय घाटे में वृद्धि को छिपाने के लिये‘हाथ की सफाई’दिखाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने अंतर्राष्ट्रीय बात्रार में कच्चे तेल के कम दामों का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचने देने का भी आरोप लगाया और जनता से छह लाख करोड़ रुपए का ऋण वसूला।
पार्टी ने पेट्रोलियम पदार्थों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने की मांग की। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां कहा कि पहली बार समृद्धिशाली ओएनजीसी एक और सरकारी तेल कंपनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने के लिये तीस हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने जा रही है।
श्री सिंघवी ने कहा कि ऐसा सरकार के खाताबही सुधारने और विनिवेश लक्ष्य हासिल किये दिखाने के लिए किया गया है। इससे सरकार बढ़ते राजकोषीय घाटे को छिपाना चाहती है। सरकार दिखाना चाहती है कि ओएनजीसी ने 30000 करोड़ रुपए का ऋण लिया और उसे चुकता किया ताकि बैलेंस शीट सुधर सके। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार की आर्थिक‘हाथ की सफाई’की कड़ निंदा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ओएनजीसी को 30 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराने के लिये ऋण सीमा को बढ़या गया।
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