पटना : बिहारी मजदूर एवं उतर भारतीय मजदूरों को गुजराती उपद्रवियों द्वारा परेशान करने के विरोध में भाकपा-माले द्वारा गांधी मैदान के कारगिल चौक से एक प्रतिवाद यात्रा का आयोजन किया गया। इस प्रतिवाद यादत्रा का नेतृत्व करते हुए पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले कई दिनों से गुजरात में एक शड्यंत्र के तहत बिहारी एवं उत्तर भारतीय मजदूरों को बेरहमी से परेशान किया जा रहा है उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
लेकिन अभी तक न तो बिहार सरकार न भारत सरकार के कोई भी प्रतिनिधि इस उपद्रव को रोकने का पहल किया और न ही गुजरात सरकार के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को इसके लिए कोई ठोस कदम उठाने के लिए कहा गया। यह बात गुजरात सरकार की पिछली काली करतूत-मुस्लिमों को जला देने की घटना, दलितों पर अत्याचार करने की घटना की ओर इशारा कर ती है।
मोदी जी ने सन 2014 में कहा था कि जब बिहारी मजदूर अथवा उतर भारतीय मजदूर अपना रोजगार के लिए गुजरात जाता है और जब वे गुजरात पहुंच जाते हैं उनके घर वाले पूछते हैं कि गुजरात पहुंच गये हो, यदि वे कहते हैं कि हां तो उनके घर वाले बोलते हैं अच्छा तो अब हम शांति से हो जाते हैं। लेकिन गुजरात में आज क्या हो रहा है।
वहां से लाखों मजदूर पलायन कर चुके हैं। बहुत से पलायन हेतु तैयार है। इस अवसर पर का. विजय ने कहा कि शर्म की बात है कि अभी तक न तो बिहार सरकार के मुखिया और न ही केन्द्र सरकार के मुखिया नरेन्द्र मोदी इन उपद्रवियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाये हैं। ये लोग केवल बयानबाजी कर मजदूरों को गुमराह करना चाहते हैं। भाजपा को यह ज्ञात हो चुका है कि हमारी नीति और नियत क्या है।