दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन मामले में गिरफ्तार किये गये कॉरपोरेट बिचौलिए दीपक तलवार को, शुक्रवार को जमानत दे दी। अदालत ने कहा, ‘‘ आरोपी को और हिरासत में रखने से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि इस मामले में आरोपपत्र दायर किया जा चुका है और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि कब यह जांच पूरी होगी।’’
गौरतलब हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तलवार को, विदेश से अवैध रूप से धन प्राप्त करने से जुड़े धनशोधन के एक मामले गिरफ्तार किया था। अदालत ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का यह मामला दस्तावेजी सबूत पर आधारित है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने कभी जांच प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की।
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने तलवार को इस शर्त पर राहत प्रदान की कि तलवार राष्ट्रीय राजधानी छोड़ने से पहले जांच अधिकारी को सूचित करेंगे और अदालत की अनुमति के बगैर वह देश से बाहर नहीं जायेंगे। तलवार को यह जमानत पांच लाख रूपये के निजी मुचलके और उतनी ही जमानती राशि पर दी गयी। ईडी के अनुसार, तलवार ‘एडवांटेज इंडिया’ नामक एक एनजीओ के संस्थापक सदस्य हैं और इस एनजीओ को जाने माने यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए इंग्लैंड और एयरबस फ्रांस से सीएसआर के तहत 2012-13 से लेकर 2015-16 तक 90.72 करोड रूपये का विदेशी चंदा मिला था।
एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘ जांच से खुलासा हुआ कि एनजीओ ने यह दर्शाने के लिए विभिन्न मदों के तहत फर्जी व्यय दिखाये कि विदेशी चंदा का इस्तेमाल विभिनन उद्देश्यों के लिए किया गया। ’’ इस वर्तमान मामले में जमानत मिल जाने पर अब तलवार जेल से बाहर आ जाएंगे क्योंकि उन्हें पांच अन्य मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है । इन्हीं मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। तलवार को 30 जनवरी, 2019 को दुबई से लाया गया और यहां पहुंचने पर एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जमानत की मांग करते हुए तलवार ने अदालत से कहा था कि इस मामले में उन्हें हिरासत में रखने से किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी तथा इस मामले में वह अकेले आरोपी हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था और जांच पहले ही समाप्त हो चुकी है। साथ ही उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि इस मामले में सभी साक्ष्य दस्तावेजी थे और इन्हें जांच एजेंसी बरामद कर चुकी है। ईडी के वकील अमित महाजन और नीतेश राणे ने अदालत से कहा कि तलवार पर गंभीर आर्थिक अपराध का आरोप है और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह न्याय के कठघरे से फरार हो सकते हैं।
जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि आरोपी अपनी गिरफ्तारी से पहले भी फरार रहा है और उसे दुबई से लाना पड़ा था। अपने आवेदन में तलवार ने कहा कि इस बात की कोई गुजाइंश नहीं है कि जांच को प्रभावित किया जा सके। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने यह कहते हुए उनकी अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। तलवार ने कोरोना वायरस महामारी के आधार पर अंतरिम जमानत मांगते हुए कहा था कि उन्हें संक्रमण का खतरा है।