दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सतेंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले कई महीनों से जेल में बंद है। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।ट्रायल जज को बदले जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सतेंद्र जैन ने सबसे बड़ी अदालत का रुख किया है। बता दे कि सर्वोच्च न्यायलय ने इस पर सहमति भी दे दी है। अब इस पर मंगलवार को बहस होने वाली है।1 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी की अपील पर जज का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट में भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ
आपको बता दे कि इससे पहले 19 सितंबर को को जिला ने जज गीतांजलि गोयल के समक्ष निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही एजेंसी ने कुछ दलीलें देते हुए, स्पेशल जज गीतांजलि गोयल द्वारा सुनावई कर रहे मामले को ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसे मंजूरी किए जाने के फैसले को सतेंद्र जैन ने हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी।लेकिन हाई कोर्ट में भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
सुनावई कर रहे मामले को ट्रांसफर करने की मांग थी
दिल्ली हाई कोर्ट ने सतेंद्र जैन की याचिका को खारिज कर दिया गया था।इस पर न्यायमूर्ति योगेश ने कहा था कि प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश ने मामले को स्थानांतरित करते हुए सभी तथ्यों पर गौर किया और फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं।
जैन पर चार कंपनियों में धन-शोधन करने का आरोप
इस मामले में अदालत ने ईडी और सतेंद्र जैन दोनों पक्षों की लंबी बहस को सुनने के बाद ईडी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। गौरतलब है कि ईडी ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में आप पार्टी के नेता के खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी के आधार पर सतेंद्र जैन और अन्य दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सतेंद्र जैन पर उनसे संबद्ध चार कंपनियों में धन-शोधन करने का आरोप है।