नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा की कोई मीटिंग हो और उसमें खींचतान ना हो ऐसा संभव नहीं है। फिर बात प्रदेश कार्यकारिणी को तो एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का इससे अच्छा मौका कौन सा हो सकता है? प्रदेश कार्यकारिणी में पहले दिन जहां गायब जिला अध्यक्ष छाए रहे तो दूसरे दिन सांसदों ने एक-दूसरे पर जमकर शब्दों की तलवारें चलाईं। किसी ने नाम लेकर तो किसी ने बिना नाम लिए ही दूसरे गुट को धो डाला।
दिल्ली भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी दूसरे दिन कड़वाहट के साथ संपन्न हो गई। इससे पहले एक-दूसरे की उतारने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने लापरवाह कार्यकर्ताओं के साथ कई लोगों की उतारी। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 21 रातें झुग्गी प्रवास में गुजारी है तो मैंने 21 दिन पार्कों की सैर कर भाजपा काम किया है। आप लोग क्या कर रहे है? पार्टी का काम ऐसे लोगों के बीच पहुंचना भी है, जहां अभी तक कुछ नहीं हुआ है। ग्रुप हाउसिंग सोसायटी सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यकर्ताओं को सबके बीच पहुंचना होगा।
ऐसे पार्टी कैसे सत्ता में वापस आएगी। उन्होंने कहा कि हंसराज हंस कल पार्टी में आए और आज सांसद बन गए। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि, ‘संगठन की मर्यादा का सबको ध्यान रखना होगा। कोई कहीं भी कार्यक्रम करे तो कम से कम मुझे सूचित करे दे। अगर कोई समस्या है तो संगठन मंत्री जी को बता दे। कार्यकर्ता तो हर जगह जाता ही है। मैंने भी कभी किसी को नहीं रोका। सामानंतर संगठन चलाना ठीक नहीं है।
इसके बाद हंसराज हंस का नंबर आया तो उन्होंने कहा कि मुझे कहा जा रहा है कि कल आया और सांसद बन गया। ऐसा नहीं है। मैं तो परसो आया था। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भी काम किया। पार्टी की सभा में भाषण दिए और गाने भी गाए। इस पर किसी कार्यकर्ता ने बताया कि 2008 के विधानसभा चुनाव में हंसराज ने नई दिल्ली में शीला दीक्षित के खिलाफ भी प्रचार किया था।
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने तो कई लोगों की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कुछ पार्टी पदाधिकारी मेरी हार के लिए काम करते थे। लेकिन कोई भुलावे में ना रहे। उन्होंने बहुत काम किया है। पिछले एक महीने में भी बहुत काम हुआ है। सब मोदी जी की लहर में जीते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को लगता है कि 2017 का दिल्ली नगर निगम चुनाव उन्होंने जीता दिया तो वो भी गलत है। वो चुनाव भी प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जीते और 2019 का चुनाव भी मोदी जी के नाम पर जीते हैं।
– सतेन्द्र त्रिपाठी/राहुल शर्मा