दिल्ली उच्च न्यायालय उत्तर पश्चिम दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक ऑटो रिक्शा चालक और उसके बेटे की पुलिस द्वारा कथित तौर पर पिटाई किए जाने के मामले में स्वतंत्र सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को राजी हो गया। न्यायमूर्ति जयंत नाथ और न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने कहा कि वह बुधवार को दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर मामले पर सुनवाई करेगी।
याचिका में पुलिस सुधारों के लिए उचित दिशा-निर्देश तय करने की भी मांग की गई है। पेशे से वकील सीमा सिंघल द्वारा दायर याचिका में मीडिया में आयी खबरों का हवाला देते हुए कहा गया कि पुलिस ने ऑटो रिक्शा चालक और उसके नाबालिग बेटे को बुरी तरह पीटा। साथ ही याचिका में मामले में मेडिकल रिपोर्ट समेत रिकॉर्ड तलब करने की मांग की गई। रविवार शाम ऑटो चालक सरबजीत सिंह और पुलिसकर्मियों के बीच झगड़े की कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं।
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संबंधित एक क्लिप में ऑटो चालक तलवार लेकर पुलिसकर्मियों के पीछे भागते हुए दिखाई देता है। एक अन्य वीडियो में पुलिसकर्मी ऑटो चालक और उसके बेटे की डंडों से पिटाई करते दिखते हैं। अधिवक्ता संगीता भारती के जरिए दायर की गई याचिका में सिंह और उसके नाबालिग बेटे पर ‘‘बर्बर हमले’’ की सीबीआई या ऐसी ही किसी एजेंसी से स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। याचिका में ‘‘पुलिस की बर्बरता और अत्यधिक बल प्रयोग के हिंसक कृत्यों’’ को रोकने के लिए पुलिस सुधारों के वास्ते उचित दिशा-निर्देश तय करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में मुखर्जी नगर पुलिस थाने की सीसीटीवी फुटेज के साथ मामले की स्थिति रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है और साथ ही अदालत से केंद्र, दिल्ली सरकार तथा अन्य को पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में साथ ही आग्रह किया गया है कि मीडिया को सिंह के नाबालिग बेटे की पहचान उजागर करने और किसी मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसकी तस्वीरें या साक्षात्कार प्रसारित करने से रोका जाए। गौरतलब है कि इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने ‘‘गैर पेशेवर व्यवहार’’ के लिए अपने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।