Delhi: देश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में गुरुवार को बच्चों के लिए मायोपिया क्लिनिक का उद्घाटन किया गया। बच्चों में तेजी से बढ़ रही मायोपिया (नजदीक देखने की समस्या) को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास, आरपी सेंटर के प्रमुख जीवन सिंह टिटयाल, डॉ. रोहित सक्सेना सहित अन्य फैकल्टी सदस्य और नर्सिंग स्टाफ उपस्थित थे।
बच्चों में गंभीर बीमारी की समस्या
एम्स में खोले गए मायोपिया क्लिनिक से बच्चों में मायोपिया की प्रगति को नियंत्रित करने के लिए समग्र और प्रभावी उपचार संभव हो सकेगा। मायोपिया को नजदीक से दिखाई देना भी कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दूर की चीजें धुंधली दिखती हैं, जबकि पास की चीजें स्पष्ट दिखाई देती हैं। यह समस्या बच्चों में तेजी से बढ़ रही है और अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो उम्र बढ़ने के साथ यह और भी गंभीर हो सकती है।
दुनिया में 20% बच्चे मायोपिया से प्रभावित
हाल ही में किए गए शोध के अनुसार, पूरी दुनिया में लगभग 20 फीसद बच्चे मायोपिया से प्रभावित हैं और यह दर लगातार बढ़ रही है। विशेष रूप से, पूर्वी एशियाई देशों में किशोरों और युवा वयस्कों में यह आंकड़ा 80 फीसद तक पहुंच चुका है। अनुमान है कि 2050 तक दुनिया की 49.8 फीसद जनसंख्या मायोपिया से प्रभावित हो सकती है। मायोपिया के जोखिम में वे बच्चे होते हैं, जिनके परिवार में किसी को मायोपिया हो, जो कम समय के लिए बाहर खेलते हैं, और जो अधिक समय तक नजदीकी काम करते हैं जैसे पढ़ाई या स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल।
मायोपिया से बचने के उपाय
मायोपिया की प्रगति को रोकने के लिए नियमित आंखों की जांच, सही चश्मे का इस्तेमाल और बच्चों को रोजाना बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल में बदलाव, कम स्क्रीन टाइम और सही पढ़ाई की आदतें मायोपिया के विकास को रोक सकती हैं। डॉ. जे.एस. टिटयाल ने कहा, “ऐसा नहीं है कि मायोपिया में पहले काम नहीं हो रहा था। पहले भी यहां काम हो रहा था। हम हजारों बच्चों को साल में देखते हैं। यह एक सामाजिक समस्या नहीं है। हर घर में एक बच्चा इससे ग्रस्त हो सकता है। इसे लेकर हमें लोगों को जागरूक करना होगा। व्यापक रूप से इस क्लीनिक को हमने स्थापित किया है।
एम्स में मायोपिया का उचित इलाज
यहां आने वाले मरीजों से संबंधित आंकड़ों को दर्ज किया जाएगा। प्रोफेसर रोहित सक्सेना ने कहा, हमने देखा है कि आज कल बच्चों में दृष्टि रोग से संबंधित समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसी को देखते हुए हमने यहां पर क्लिनिक की स्थापना की है, ताकि बच्चों को उचित उपचार मिल सके। इसके अलावा, हम इसे लेकर लोगों को जागरूक कर सकें। कई लोग यहां अपना उपचार कराने आते हैं।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी Subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।