दक्षिणी दिल्ली : गृह मंत्रालय में वरिष्ठ लेखा-परीक्षक आनंद कुमार सिंह की जैतपुर ओम नगर ई-ब्लॉक स्थित उनके घर में ही हत्या पर रहस्य गहरा गया है। पहले बताया गया था कि मैन गेट बंद था और परिवार के सभी सदस्य सोए हुए थे। अब पत्नी व अन्य सदस्यों ने बताया है कि वारदात वाली रात को मैन गेट की कुंडी नहीं लगाई थी। घर में सिर्फ मृतक की पत्नी, भाई और तीन बच्चे ही मौजूद थे। जो बाहर वाले कमरे में सो रहे थे। तड़के तीन बजे उठे तो मैन गेट का एक दरवाजा खुला हुआ था।
मगर यहां बड़ा सवाल है कि बाहर से कोई देर रात आया और आनंद की हत्या कर चला गया। मगर घर के किसी भी सदस्य को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी। कहीं परिवार वाले ही कुछ छिपा तो नहीं रहे। उधर, डीसीपी साउथ-ईस्ट चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि इस संबंध में जैतपुर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
जल्द ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा। पुलिस के मुताबिक मूल रूप से उत्तराखंड निवासी आनंद अपने परिवार के साथ ई-बाल्क ई-112/13 ओम विहार, बदरपुर में रहते थे। परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटे और एक बेटी है। आनंद का छोटा भाई मुकेश घर में ही साथ रहता था। पुलिस के मुताबिक आनंद के सिर के पिछले हिस्से पर चोट के निशान थे और चाकू से गोदा गया था।
परिवार पर शक की सुई… पुलिस को पूरा मामला बेहद संदिग्ध लग रहा है। यही वजह है कि पुलिस परिजनों को भी शक की नजर से देख रही है। आखिर वारदात वाली रात परिवार के किसी भी सदस्य ने मैन गेट की कुंडी क्यों नहीं लगाई। परिजनों का कहना है कि जब वह तड़के उठे तो मैन गेट का एक दुरवाजा खुला हुआ था। बाहर से काई आया और वारदात को अंजाम देकर चला गया।
किसी को नहीं लगी भनक… क्राइम टीम को मौके से कुछ साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिससे साफ है कि घर में वारदात के दौरान आनंद ने हत्यारे का जमकर विरोध किया। बावजूद इसके बगल वाले कमरे में सो रही आनंद की पत्नी, भाई व अन्य सदस्यों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि कूलर तक आनंद के ऊपर गिरा था।
नहीं थी किसी से दुश्मनी…
एक तरफ आशंका जताई जा रही है कि कोई बहार से आया और आनंद की हत्या कर चला गया। वहीं आनंद की बहन मंजू का कहना है कि उसके भाई की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। वह किसी से ज्यादा बातचीत भी नहीं करते थे।
दो घंटे बाद पुलिस को सूचना
आनंद की हत्या देर रात की गई, जिसका पता तड़के करीब तीन बजे चला। मगर पुलिस को सूचना दो घंटे बाद पांच बजे दी गई। पुलिस को शक है कि कहीं परिवार के सदस्य कुछ छिपा तो नहीं रहे।