बाहरी दिल्ली : बाहरी दिल्ली के नजफगढ़ में रहने वाली महिलाएं इस रक्षाबंधन पर अपने भाई को राखी बांधने जाने के लिए नजफगढ़ से मेट्रो से यात्रा कर सकेंगी। संभावना है कि इस रक्षाबंधन के दिन (15 अगस्त) दिल्ली मेट्रो इस कॉरिडोर को हरी झंडी दिखा दें। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो की कोशिश है कि इस लाइन पर 25 से 30 दिन ट्रायल कर जल्द से जल्द कॉरिडोर को शुरू कर दें। बता दें कि दिल्ली मेट्रो ने इस रूट पर ट्राॅयल रन शुरू की प्रक्रिया शुरू कर दी है। करीब पांच साल पहले इस रूट का निर्माण कार्य शुरू किया था।
इस लाइन को दो साल पहले ही शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन समय पर जमीन न मिलने, नजफगढ़ में बने अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन में दो बार मिट्टी के धंसने सहित अन्य तकनीकी कारणों से निर्माण कार्य में लगातार देरी होती गई। हालत यह रही कि दो साल की देरी के बाद भी इस रूट को शुरू नहीं किया जा सका। ऐसे में दिल्ली मेट्रो पर राजनीतिक व स्थानीय लोगों को दबाव है कि इस रूट को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
बता दें कि इस द्वारका-नजफगढ़ रूट शुरू होने के बाद नजफगढ़ निवासियों को मेट्रो पकड़ने के लिए द्वारका मोड़ नहीं जाना होगा। यह रूट ब्लू लाइन का हिस्सा है जो वैशाली और नोएडा व द्वारका सेक्टर 21 तक जाती है। लाइन शुरू होने से तीन लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा। वहीं मेट्रो को उम्मीद है कि हजारों यात्री बढ़ेंगे।
…तो गणेश चतुर्थी पर होगा उद्घाटन
द्वारका-नजफगढ़ मेट्रो स्टेशन के बीच शुरू हुए ट्रायल रन के दौरान यदि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है तो उद्घाटन का नारियल गणेश चतुर्थी पर फूटेगा। सूत्र बताते हैं कि इस लाइन को जल्द शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन ट्राॅयल रन के दौरान कोई दिक्कत आती है। ओवर हेड वायर का कनेक्शन में बिजली का संचार सही से नहीं होता, सिग्नल में काई समस्या आती है या रन के दौरान ट्रैक में कोई दिक्कत आती है तो उद्घाटन को दो सितंबर तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
नजफगढ़-द्वारका के बीच ट्राॅयल…
मेट्रो से मिली जानकारी के अनुसार 4.295 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में द्वारका, नंगली और नजफगढ़ तीन स्टेशन हैं। इसमें द्वारका और नंगली एलिवेटेड स्टेशन हैं, जबकि नजफगढ़ अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं। इस कॉरिडोर को सितंबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मेट्रो प्रशासन ने कहा कि ट्रायल रन के दौरान, ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही की जांच करते हुए फिजिकल समस्याओं को देखा जाएगा। जांच के दौरान यदि कोई समस्या नहीं मिलती तो आने वाले दिनों में सिग्नलिंग ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।