राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने यमुना नदी में दूषित जल गिरने से रोकने और उल्लंघन करने वालों को दंडित करने के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्षता वाली समिति से एक कार्ययोजना मांगी है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, दिल्ली जल बोर्ड, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, नोएडा और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह एक महीने के भीतर इस संबंध में बैठक करें।
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मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘समन्वय और क्रियान्वयन के लिए सीपीसीबी नोडल एजेंसी होगी। कार्रवाई रिपोर्ट दो महीने के भीतर ई-मेल के जरिए इस अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत की जाए।’’
अधिकरण नोएडा निवासी अभिष्ट कुसुम गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।