सात साल के लम्बे इंतजार के बाद निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई। दोषियों को फांसी होने के बाद पूरे देश ने कानून की सराहना की और कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। इस बीच दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आज न्याय की जीत हुई।
उन्होंने कहा कि ‘‘निर्भया की मां ने न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाईं। सारा देश सड़कों पर उतरा, अनशन किया, लाठी खाई। ये पूरे देश की जीत है और अब हमें देश में एक कठोर सिस्टम बनाना है। उन्होंने कहा कि विश्वास है बदलाव आएगा, जरूर आएगा। सत्यमेव जयते।’’ स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, निर्भया को 7 साल बाद न्याय मिला, उसकी आत्मा को आज शांति मिली होगी। देश ने बलात्कारियों को एक कड़ा संदेश दिया है कि अगर आपने यह अपराध किया तो आपको फांसी दी जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार को फांसी की सजा देने का स्वागत करते हुए कहा कि आज एक मिसाल कायम हुई है और इससे समाज को यह संदेश मिला कि चाहे कुछ भी हो जाए कानून अपना काम जरूर करेगा।
रेखा शर्मा ने कहा कि चारों दोषियों को फांसी देकर आज एक मिसाल कायम की गई है हालांकि यह सजा और पहले दी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अब दोषियों को पता चल गया है कि उन्हें सजा दी जाएगी, वे तारीख बढ़ा सकते हैं लेकिन उन्हें सजा जरूर मिलेगी। इस मामले में कानून की कई खामियां भी सामने आयीं जिन्हें दूर करने के लिए सरकार को काम करना चाहिए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि निर्भया के माता-पिता ने न्याय के लिए सात साल से अधिक समय तक लड़ाई की। उनकी भीषण यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे महिलाओं के खिलाफ इस तरह के घृणित अपराध करने वालों को एक कड़ा संदेश जाएगा कि वह कानून की पंजे से बच नहीं सकते। इसके बावजूद अगर महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं तो सरकार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कदम उठाना चाहिए।
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बता दें कि 16 दिसंबर 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए सामूहिक दुष्कर्म किया था। बुरी तरह घायल छात्रा को सड़क किनारे फेंक दिया गया था। कई दिनों तक चले इलाज के बाद छात्रा की सिंगापुर में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली समेत देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे।
दुष्कर्म के दोषियों में से एक नाबालिग था जिसे तीन साल की सजा के बाद बाल सुधार गृह से 2015 में रिहा कर दिया गया तथा एक आरोपी राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। शेष चार दोषियों को आज तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी।