जमीनों की खरीद-फरोख्त के दौरान विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। हो सकता है कि आपने जमीन खरीदी हो उसकी रजिस्ट्री भी करवाई हो लेकिन बाद में पता चला कि उक्त जमीन के मलिक ने जमीन बेची ही नहीं। दिल्ली में ऐसा हो रहा है, इससे आम आदमी ही नहीं बल्कि दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष भी परेशान हैं। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने सत्र के दौरान इस समस्या को उठाते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र शहादरा में एक जमीन चार बार बेची जा चुकी है।
1959 से अब तक चार बार उस जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है लेकिन 1959 से अबतक उक्त जमीन का दाखिला ही खारिज नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि निगम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि जब तक बेची जा रही जमीन के कागज पूरे नहीं होते हैं विभाग के तरफ से कोई एनओसी जारी नहीं की जाती। एनओसी के बिना रजिस्ट्री की प्रकिया नहीं हो सकती।
सदन में दिया गलत उत्तर… दिल्ली विधानसभा में अधिकारी प्रश्नों के गलत उत्तर दे रहे हैं। विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया करते हुए सोमनाथ भारती ने कहा कि उन्होंने सफदरजंग एन्कलेव स्थित स्कूल में तरणताल को सभी मौसमों के अनुकूल बनाने का प्रस्ताव दिया था। उत्तर में बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। जबकि दौरे के दौरान कहा गया था कि इस पर काम कर रहे हैं। हालांकि उपमुख्मयंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह इस संबंध में अधिकारियों से मुलाकात कर इस पर जवाब देंगे।
घरों पर लग सकती है सरकारी स्ट्रीट लाइट
चांदनी चौक की संकरी गलियों को रोशन करने के लिए घरों पर सरकारी स्ट्रीट लाइट लगाई जा सकती है। प्रश्न काल के दौरान चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा के सवालों पर जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि चांदनी चौक में खंबे लगाने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में सुझाव है कि लोगों के घरों पर ही स्ट्रीट लाइट लगा दी जाए। साथ ही उसका कनेक्शन उक्त घरों से लिया जाए। उस स्ट्रीट लाइट को जलाने के दौरान जो भी बिजली की खपत होगी वह उक्त घर वालों के बिल से घटा दिया जाएगा।
स्मार्ट विलेज को मिले दो करोड़, पर खर्च नहीं
दिल्ली में गांव को चमकाने के लिए स्टार्म विलेज स्कीम के तहत प्रति वर्ष दो-दो करोड़ रुपये दिए गए लेकिन अधिकारियों के कारण उक्त बजट को खर्च नहीं कर पाए। शालीमार बाग से विधायक बंदना कुुमारी ने कहा कि गांव के लोग क्षेत्र के विकास की मांग को लेकर उनके पास पहुंचते हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट विलेज के तहत दो करोड़ रुपये मिल रहे हैं। इससे गांव में नाली, सड़क सहित अन्य काम करवाए जा सकते हैं। लेकिन विधायक कुछ नहीं करवा पा रहा है।
सिख दंगा पीड़ितों को सुविधा नहीं
सिख दंगा पीड़ितों को दिल्ली सरकार सुविधाएं नहीं दे रही है। राजौरी गार्डन से विधायक मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिख दंगों के पीड़ितों को सुविधा देने, पंजाबी शिक्षकों को नियुक्ति करने सहित अन्य के दिशा में दिल्ली सरकार काम नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस दिशा में यदि विधानसभा में प्रस्ताव पास करती है तो वह एलती हाउस पर उसे लागू करवाने के लिए प्रदर्शन करने को भी तैयार हैं।
बिजली मीटर देने में भेदभाव… पालम से विधायक भावना गौड़ ने कहा कि बिजली मीटर देने में भेदभाव हो रहा है। नियम के तहत 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवन को बिजली मीटर नहीं दिया जा सकता। लेकिन कंपनियां मीटर देने में भेदभाव कर रही है। पालम क्षेत्र में कई घर जो 15 मीटर से अधिक हैं उन्हें मीटर दिया गया है।