दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रही है, लेकिन पड़ोसी राज्य इस बारे में अब भी गंभीर नहीं हैं जबकि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदूषण और खतरनाक है।
राय ने कहा कि आप सरकार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अन्य राज्यों के साथ सहयोग चाहती है, टकराव नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘भूमि राज्यों में बंट गयी है लेकिन आकाश एक ही है।’’
राय ने कहा कि पराली जलाने के समाधान के तौर पर ‘पूसा बायो-डिकंपोजर’ पहल हरियाणा और पंजाब को और फायदा पहुंचाएगी और दिल्ली को यह लाभ मिलेगा कि यह खेतों से निकलने वाले उस धुएं से छुटकारा पा जाएगी जो हर साल शहर को गैस चैंबर बना देता है। गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है जिससे दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ होने के बीच उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली एक इकाई ने बृहस्पतिवार को 15 अक्टूबर से क्रमिक प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) के क्रियान्वयन की तथा दिल्ली और पड़ोस के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव में आवश्यक तथा आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनरेटरों पर पाबंदी की घोषणा की थी।
राय ने कहा, ‘‘केवल हमारी सरकार है जो इस बारे में गंभीर है। हम इस पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। भारत में अनेक राज्य गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, लेकिन वे खासतौर पर कोरोना वायरस संक्रमण के समय बड़ी चुनौती के बावजूद बहुत सक्रिय नहीं लग रहे।’’