नई दिल्ली : सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने वाले प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की अगुवाई वाली टास्क फोर्स ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को प्रदूषण के लिए कार्य योजनाओं की गंभीरता से निगरानी करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस संबंध में साप्ताहिक रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण को सौंपने का आदेश दिया है। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर शुक्रवार को 10 सदस्यीय सीपीसीबी टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक हुई।
इस बैठक में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से पूछा गया था कि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों को पक्का करना और धूल उत्सर्जन को नियंत्रित करना शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार टास्क फोर्स ने पंजाब की स्थिति, मौसम संबंधी पूर्वानुमान, हरियाणा, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की तैयारियों से लेकर वर्तमान वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा की।
इस बैठक के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वीके सोनी ने सीपीसीबी टास्क फोर्स को बताया कि वायु गुणवत्ता 3 अक्टूबर तक संतोषजनक रहने की उम्मीद है। टास्क फोर्स ने डीपीसीसी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस संबंध में दैनिक आधार पर रिपोर्ट देने का आदेश भी दिया है। इसके अलावा जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कार्य न करे उनपर भारी जुर्माना करने का भी आदेश दिया गया है।
टास्क फोर्स ने सभी निकायों को ठोस अपशिष्ट को साफ करने के लिए अभियान चलाने व अगले 10 दिनों तक निर्माण कार्य को रोकने सहित अन्य सिफारिश की है। सीपीसीबी टास्क फोर्स ने सुझाव दिया है कि सर्दियों में डीजल जनरेटर सेट के उपयोग को रोकने के लिए निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जाए।
शुरू होगी गश्त… बैठक के दौरान डीपीसीसी ने टास्क फोर्स को बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए रात्रि गश्त, विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में एक अक्टूबर से शुरू की जाएगी। सभी औद्योगिक इकाइयों को 31 अक्टूबर तक पाइप्ड प्राकृतिक गैस में बदल दिया जाएगा। इसके अलावा डीपीसीसी ने दिल्ली में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट पर कार्रवाई शुरू की है। वहीं प्रदूषण रोकने के लिए सोशल मीडिया पर शिकायतों की निगरानी, कचरा जलाने से रोकने के लिए गार्डों की नियुक्ति की जाएगी।
प्रदूषण को लेकर जुर्माना… डीपीसीसी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्माणाधीन भवन में प्रदूषण नियंत्रण नियम का पालन न करने के लिए एनबीसीसी पर शनिवार को पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। डीपीसीसी की टीम मौके पर पहुंची थी और उसने पाया कि निर्माण के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
निर्माण सामग्री भी खुले में पड़ी है और जमीन की अंधाधुंध खुदाई की जा रही है। यह निर्माण स्थल दिल्ली के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक आईटीओ चौराहे पर स्थित है। डीपीसीसी के सदस्य सचिव अरुण मिश्रा का कहना है कि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ को 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।