उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में एक पार्क में प्लास्टिक और पीवीसी तार जलाये जाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को फटकार लगायी है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षक होने के बावजूद डीपीसीसी ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि वह जमीन की मालिक नहीं है और अपनी जिम्मेदारी डीडीए पर डाल दी।
अधिकरण ने डीपीसीसी की इस दलील पर कि उसने उस जमीन के मालिक दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा है को लेकर भी ऐतराज जताया। इस बात से खफा एनजीटी ने डीपीसीसी के सदस्य सचिव को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया और यह पूछा कि प्रदूषण फैलाये जाने की जानकारी मिलने के बावजूद इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाने और अपनी जिम्मेदारी डीडीए पर थोपने के लिये उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए।