एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने विशेष आदेश के बावजूद रिपोर्ट दाखिल करने में आप सरकार के नाकाम रहने पर ऐतराज जताया।सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि उसे कार्वाई योजना दाखिल करने के लिए और वक्त चाहिए क्योंकि मुख्य सचिव और पर्यावरण सचिव का हाल ही में तबादला हुआ है। अधिकरण ने सरकार को अगले 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
एनजीटी ने कहा, आपकी कार्वाई योजना कहां है? आपने इसे क्यों नहीं सौंपा ? अगर आप हर किसी को बदलते रहेंगे, तो हम क्या कर सकते हैं? यदि लोग आपके साथ बने नहीं रहना चाहते हैं तो यह हमारी समस्या नहीं है।इसने कहा, आप बैठकें करते रहे हैं लेकिन हमें बताइए कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पिछले चार दिनों में आपने कोई काम किया, या कदम उठाया।
यह कहा जा रहा है कि शहर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, फिर भी सरकार हालात से निपटने में ढीला रवैया अपना रही है।भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे टेस्ट मैच कराने को लेकर भी एनजीटी ने अधिकारियों की आलोचना की। इसमें धुंध की वजह से खलल पड़ी है।
श्रीलंका टीम ने वायु की खराब गुणवत्ता की शिकायत की। इसके चलते भारत को पारी घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा ।पीठ ने कहा कि हर अखबार की हेडलाइन में था कि इस हफ्ते वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने जा रहा। फिर भी आपने कोई कार्वाई नहीं की। यहां तक कि खिलाड़ भी मास्क पहन कर खेल रहे हैं।
यदि वायु गुणवत्ता खराब थी तो आपको मैच नहीं कराना चाहिए था।इस परिस्थिति में सम – विषम कार योजना लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली सरकार की खिंचाई की।इसने कहा, आप दो पहिया वाहनों के लिए छूट चाहते हैं लेकिन आप दिमाग का इस्तेमाल नहीं कर रहे कि ये 60 लाख वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण की वजह हैं।
इसने यह भी कहा कि अधिकरण को बताया गया था कि शहर की सड़कों पर 4,000 बसें उतारी जाएंगी लेकिन शहर की सरकार ने आश्वासन के तीन साल बाद भी एक भी बस नहीं खरीदी है।गौरतलब है कि एनजीटी ने 28 नवंबर को आप सरकार और चार पड़सी राज्यों – पंजाब, हरियाणा, उथर प्रदेश तथा राजस्थान -को प्रदूषण से निपटने पर एक कार्वाई योजना सौंपने को कहा था।
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