राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना की सफाई की निगरानी के लिए गठित एक कमेटी को यमुना खादर में अवैध निर्माण कार्य की जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने निगरानी समिति को इस विषय पर विचार करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि अधिकरण ने मनोज मिश्रा मामले में अधिकरण के 2015 के एक आदेश से पैदा होने वाले मुद्दे की जांच पड़ताल करने के लिए इस साल जुलाई में एक कमेटी गठित करने का आदेश दिय था। नदी के प्रवाह को प्रभावित कर पर्यावरण पर असर डालने वाले निर्माण कार्य भी कमेटी के दायरे में शामिल है।
VIDEO : MDH के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन की खबर झूठी, पूरी तरह स्वस्थ हैं
पीठ ने कहा कि अर्जी का निपटारा किया जाता है। हरित अधिकरण का निर्देश शहर के निवासी ब्रहम सिंह के पत्र पर विचार करने के दौरान आया।
सिंह ने आरोप लगाया था कि डीएनडी के समानांतर यमुना खादर में अवैध निर्माण दक्षिण दिल्ली नगर निगम और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ। यह पारिस्थितिकी को प्रभावित कर रहा है।
गौरतलब है कि एनजीटी ने 2015 में यमुना में निर्माण सामग्री गिराने पर प्रतिबंध लगा दिया था और इसका उल्लंघन करने वालों पर 50,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया था।