राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह टैंकर के जरिये पानी की आपूर्ति को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड के बीच जारी विवाद को सुलझाएं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मुद्दे को प्रशासन में उच्च स्तर पर सुलझाना ही बेहतर होगा और इस दौरान रकम की उपलब्धता और पेयजल के पहले से कम संसाधनों के संरक्षण समेत सभी व्यवहारिक पहलुओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, “इसी के अनुरूप, हम दिल्ली के मुख्य सचिव को मामले को देखने और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए मामले में सही फैसला लेने का निर्देश देने के साथ इस याचिका को निस्तारित करते हैं।” अधिकरण ने यह निर्देश दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा दायर याचिका पर दिया । याचिका में दावा किया गया था कि निगम 6822 उद्यानों के रख-रखाव का काम कर रहा है। पार्कों में सिंचाई के लिये पहले उसके पास बोरवेल की व्यवस्था थी जिन्हें अधिकरण के आदेश पर सील कर दिया गया था।
याचिका में कहा गया कि डीजेबी को पानी के पर्याप्त दबाव के बीच शोधित जल की आपूर्ति सुनिश्चित करनी थी और जहां पाइप से आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां टैंकरों से ऐसा पानी भेजा जाना था। याचिका में कहा गया, “जल बोर्ड अवजल शोधन संयंत्रों से पार्क में पाइप से पानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है। लेकिन जब तक ऐसी पाइप लाइन बिछाई जाती हैं तब तक 5375 पार्कों में टैंकर से पानी पहुंचाए जाने की जरूरत है। टैंकर किराये पर लेना जल बोर्ड की जिम्मेदारी है न कि नगर निगम की।”
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