निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी मुकेश का फांसी से बचने का एक और दांव फेल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली दोषी मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से मुकेश ने कोर्ट में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए क्योंकि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह ने कहा कि मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है। पीठ ने कहा कि इस मामले में पुनर्विचार और सुधारात्मक याचिकाएं दोनों ही खारिज की जा चुकी हैं।
निर्भया की मां आशा देवी बोलीं-20 मार्च को जरूर होगी फांसी, हमें इंसाफ मिलेगा
दोषी ने अनुरोध किया है कि चूंकि उसकी पुरानी वकील वृंदा ग्रोवर ने उसे गुमराह किया है इसलिए सुधारात्मक याचिका खारिज होने के दिन से अदालतों द्वारा पारित सभी आदेशों और राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को रद्द कर दिया जाए।
वकील एम.एल. शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और वकील वृंदा ग्रोवर द्वारा इस मामले में किए गए ‘‘आपराधिक षड्यंत्र’’ और ‘‘धोखाधड़ी’’ की सीबीआई जांच की मांग की है। निचली अदालत ने पांच मार्च को फिर से मौत का वारंट जारी करते हुए चारों दोषियों…मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे का वक्त तय किया।