निर्भया के पिता ने कहा है कि उनकी बेटी से बलात्कार और हत्या मामले में दोषियों का अंजाम भले ही सब देख चुके हों, लेकिन देश की सड़कों पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखकर लगता है कि कुछ नहीं बदला है। गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ बलात्कार किया और फिर उसे सड़क पर फेंक दिया। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पीड़िता को निर्भया के नाम से जाना गया।
इस मामले में इसी साल छह में से चार दोषियों को मौत की सजा दे दी गई। दोषियों में से एक राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ ही दिन बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक किशोर को तीन साल सुधार गृह में गुजारने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था। निर्भया के पिता ने जघन्य बलात्कार मामले की आठवीं बरसी के मौके पर ‘सेव द चिल्ड्रन एंड युवा’ नामक एनजीओ द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन याचिका में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि ”लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।” उन्होंने एक बयान में कहा, ”आपने मेरे बारे में संभवत: कभी नहीं सुना होगा। मुझे लगता है कि आज आपको मेरी आवाज सुननी चाहिये। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। लेकिन 16 दिसंबर 2012 की रात के बाद से मुझे निर्भया के पिता के रूप में जाना गया। अब मुझे मेरे बाकी जीवन में इसी रूप में जाना जाएगा। ”
निर्भया के पिता ने कहा, ”मुझे लगा था कि इस मामले के बाद हमारे देश में बदलाव आएगा। लेकिन जब मैं खबरें देखता हूं तो हर रोज एक बेटी पर बर्बरतापूर्ण हमले का नया मामला सामने आता है। कुछ नहीं बदला है।