बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर BJP के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार की रक्षा मंत्री से सफाई देने की मांग करते हुए पूछा है कि क्या उन्होंने जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पथराव कर रही भीड़ पर आत्मरक्षा में फायरिंग करने वाले सैन्यकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मंजूरी दी थी। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा इस मामले में सेना के मेजर आदित्य के खिलाफ हत्या के आरोप में FIR दर्ज किये जाने के बाद से राज्य में मिलकर सरकार चला रही भाजपा तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच घमासान मचा हुआ है।
रिपोर्टों के अनुसार मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने FIR दर्ज किये जाने का विरोध कर रहे भाजपा विधायकों से कहा है कि रक्षा मंत्री से सलाह के बाद ही सेना के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है। स्वामी ने ट्विटर पर इस मामले को उठाते हुए कहा है कि एक ओर देशभक्त लोग महबूबा सरकार द्वारा सेना के खिलाफ FIR दर्ज किये जाने से गुस्से के साथ अचम्भे में हैं दूसरी ओर सुश्री मुफ्ती कह रही हैं कि उन्होंने FIR दर्ज करने का आदेश देने से पहले रक्षा मंत्री से इसकी मंजूरी ली थी।
स्वामी ने कहा है कि श्रीमती सीतारमण को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि क्या मुफ्ती ने सही बात कही है। भाजपा नेता ने ट्विटर किया है, ‘ देशभक्त मुफ्ती द्वारा सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने से गुस्से में तथा अचम्भित हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा में सुश्री मुफ्ती ने कहा है कि रक्षा मंत्री ने इसकी मंजूरी दी है! क्या यह सही है? रक्षा मंत्री सीतारमण को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने FIR दर्ज करने के बारे में विधानसभा में उनके हवाले से सही बात कही है।’
उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को शोपियां जिले में सेना के 10 गढवाल राइफल के काफिले पर स्थानीय लोगों ने पथराव किया जिसके बाद सेना को आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ जिसमें दो स्थानीय लोगों की मौत हो गयी थी। सेना का कहना है कि फायरिंग आत्मरक्षा में की गयी लेकिन इस दौरान किसी भी तरीके से मानक कार्य प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ। सेना ने यह भी कहा है कि मेजर आदित्य उस समय घटनास्थल पर मौजूद भी नहीं थे लेकिन उनके खिलाफ FIR दर्ज की गयी है।
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