नई दिल्ली: चारा घोटाले के तीन मामले में दोषी क़रार दिए जाने के बाद राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव इस वक्त न्यायिक हिरासत में रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन पिछले दो हफ़्ते से उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद न उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और न ही बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव उनका हाल चाल लेने रांची गए। पार्टी के नेताओं का कहना हैं कि क़रीब बारह दिनों के दिल्ली प्रवास के बाद तेजस्वी यादव पटना वापस लौटें तो ज़रूर हैं लेकिन उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कोई मुलाक़ात करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके बाद पार्टी के पुराने लालू यादव के प्रति वफ़ादार नेताओं का भी मानना है कि सब कुछ सामान्य नहीं लग रहा। तेजस्वी मीडिया से दूरी नहीं बनाते लेकिन पार्टी कवर करने वाले पत्रकार भी मानते हैं कि अब वो उनसे दूरी बनाये हुए हैं।
हालांकि इसके पीछे असल कारण तेज़ प्रताप यादव को माना जाता हैं जो पार्टी में अपनी हैसियत का रोना रोकर न केवल घर में बल्कि पार्टी में भी नेताओं के लिए मुश्किल बढ़ाए हुए हैं। तेज प्रताप चाहते हैं कि उनकी पूछ बढ़े और उनसे पूछे बिना पार्टी कोई निर्णय नहीं ले। लेकिन पार्टी के ही विधायक मानते हैं जब लालू यादव ने खुद तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया हैं तब तेज़प्रताप यादव की मांग दीवार पर सिर मारने के समान हैं. लेकिन राजद के नेता ख़ुद मानते हैं कि तेज़ प्रताप यादव कब कहां किसे फजीहत कर देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता।
फ़िलहाल परिवार और भाइयों के बीच तनाव का असर न केवल पार्टी के कार्यक्रम पर दिख रहा हैं जैसे रविवार को भोला पासवान जयंती पर पार्टी के तमाम नेताओं के गुहार के बावजूद दोनो भाई नदारद रहे। इसके अलावा सीपीआई माले की रैली में पूर्व सांसद आलोक मेहता को भेजा गया. जबकि आयोजकों को तेजस्वी यादव के आने का इंतज़ार था, इसके अलावा राफेल डील पर तेजस्वी ट्वीट करते हैं लेकिन एक भी संवाददाता सम्मेलन नहीं किया।