किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में दिल्ली पुलिस एक्शन में है। बंगलुरु से 21 वर्षीय एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने मुंबई की एडवोकेट निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। जैकब और शांतनु पर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थन्बर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गयी टूलकिट के संबंध में एफआईआर दर्ज की गयी है।
इससे पहले दिशा रवि को बेंगलुरु से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पटियाला हाउस अदालत में पेश करने के बाद कोर्ट ने दिशा को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जैकब और शांतनु की गिरफ्तारी के लिए मुंबई सहित कई अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है।
जानकारी के मुताबिक़ जैकब और शांतनु ने कथित तौर पर किसान आंदोलन को भड़काने की प्लानिंग की थी , इस साजिश से जुड़े प्लान को किसान टूलकिट के रूप में शेयर किया गया था, ताकि वो किसानों द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस ट्रेक्टर परेड से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल हो जाए।
बता दें, जैकब के लिंकेडिन प्रोफाइल में कहा गया है कि वह पुणे स्थित इंडियन लॉ सोसाइटी कॉलेज से लॉ ग्रेजुएट हैं और मुंबई में कई लॉ फर्मों के साथ प्रैक्टिस कर चुकी हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने बताया है कि साइबर क्राइम सेल द्वारा गिरफ्तार की गई दिशा रवि, ‘टूलकिट’ गूगल डॉक की संपादक हैं और दस्तावेज तैयार करने एवं इसके प्रसार में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं। उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए सहयोग किया। दिल्ली पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि दिशा को पांच दिनों तक हिरासत में भेज दिया गया है। उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर दस्तावेज का मसौदा तैयार किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया में उन्होंने भारत के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए खालिस्तानी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सहयोग किया। दिशा ने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक साझा किया था।
शनिवार को बेंगलुरु के सोलादेवनहल्ली इलाके से गिरफ्तार दिशा अदालत कक्ष में रो पड़ी की और ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को बताया कि उसने ‘टूलकिट’ नहीं बनाई है। उसने 3 फरवरी को केवल दो लाइनें संपादित की। बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि आपत्तिजनक विवरण गलती से पब्लिक डोमेन में लीक हो जाने के बाद ग्रेटा से मुख्य दस्तावेज हटाने के लिए कहा गया था। यह दो पंक्तियों के संपादन से कहीं ज्यादा है, जिसका वह दावा करती है।
पुलिस के अनुसार, किसानों के विरोध के दौरान की घटनाएं और 26 जनवरी को लालकिले के पास हिंसा – ये सारी घटनाएं ठीक उसी तरह से हुईं जैसे कि कथित तौर पर ‘टूलकिट’ में विस्तृत ‘एक्शन प्लान’ का जिक्र था। दिल्ली पुलिस ने टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत राजद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र और घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। टूलकिट को अंतर्राष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी साझा किया था।