पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली सरकार के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। यहां इलाज के दौरान हुई एक मरीज की मौत पर परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। हंगामा बढ़ता देख मामले की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। परिजनों के मुताबिक मोहन प्रसाद (45) रात 8 बजे भलस्वा से अपने घर स्वरूप नगर जा रहा था।
इस बीच एक तेज वाहन ने उसे टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हो गया। वहां से गुजर रहे एक राहगीर ने परिजनों को सूचित किया और उनको बाबू जगजीवन राम अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन जगजीवनराम अस्पताल में डॉक्टर ने कहा की नाक के पास गंभीर चोट आई है और अस्पताल में ईएनटी का डॉक्टर नहीं है। इसलिए उनको अंबेडकर अस्पताल में रेफर कर दिया।
परिजनों का आरोप हैं मरीज को आपातकालीन में भर्ती करने के एक घंटे बाद डॉक्टर इलाज के लिए आए और जब डॉक्टर ने मरीज को टांके लगाए तो वह उसी वक्त खुल गए। मृतक के एक रिश्तेदार जो कि किसी अन्य अस्पताल में नर्स है उसने मृतक को टांके लगाए। परिजनों ने मृतक की हालत को देखते हुए दूसरे अस्पताल में रेफर करने की बात कही, लेकिन उसके बाद डॉक्टर ने मरीज को सुबह ओपीडी में दिखाने का बोला।
दर्द से कराहता रहा मरीज
परिजन मरीज को लेकर अस्पताल में इलाज के इंतजार में बैठे रहे और हालत बिगड़ती देख बार-बार डॉक्टर को मरीज को देखने की बात करते रहे, लेकिन कोई भी डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आया और सुबह मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्से में आए परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ जमकर हंगामा किया।
सीएमओ ने धक्के मारकर बाहर निकाला
मृतक के परिजनों ने बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के सीएमओ पर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि एक तरफ उनके मरीज की इलाज न मिलने की वजह से मौत हो गई और ऊपर से सीएमओ उनकी सुनवाई करने की बजाय धक्के मारकर बाहर निकाल दिया।