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राज्यसभा में केजरीवाल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, जानिये क्या है पूरा मामला

राज्यसभा की सदस्य सोनल मानसिंह ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विवादास्पद कृषि कानूनों पर अपने भाषण के दौरान ऊपरी सदन की ‘‘घोर अवमानना’’ की।

राज्यसभा की सदस्य सोनल मानसिंह ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विवादास्पद कृषि कानूनों पर अपने भाषण के दौरान ऊपरी सदन की ‘‘घोर अवमानना’’ की। मानसिंह ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। 
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू के पास दायर नोटिस में नामांकित सदस्य ने केजरीवाल के दावे पर आपत्ति जताई है कि सदन के पीठासीन अधिकारी ने तीनों कृषि सुधार विधेयकों को पारित कर दिया जबकि विपक्षी सदस्य मत विभाजन की मांग करते रहे। मानसिंह भाजपा से जुड़ी हुई हैं। हिंदी में दिए गए उनके भाषण का जिक्र करते हुए मानसिंह ने अपने नोटिस में लिखा है कि केजरीवाल ने कहा कि पहली बार राज्यसभा में तीनों विधेयक बिना किसी मतदान के पारित हुए। 
उन्होंने कहा, ‘‘श्री अरविंद केजरीवाल के ये कथन न केवल विशेषाधिकार का गंभीर हनन हैं बल्कि सदन की घोर अवमानना है’’ और आरोप लगाया कि यह ‘‘यह सभापति, राज्यसभा और भारत के संसद के ऊपरी सदन की प्रतिष्ठा को निम्नतर करने का शरारतपूर्ण प्रयास है।’’ सभापति के पास बुधवार को नोटिस दायर किया गया। 
उन्होंने कहा है, ‘‘तथ्य यह है कि राज्यसभा ने एकजुटता दिखाते हुए इन विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित किया और इस तथ्य को संज्ञान में रखा कि ये विधेयक देश में कृषक समुदाय के कल्याण के लिए हैं।’’ विधेयकों को 20 सितंबर को शोरगुल के बीच सदन में पारित किया गया था और विपक्ष के कई सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास विरोध जता रहे थे। कुछ सदस्यों ने मतविभाजन की मांग की थी लेकिन राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने इससे इंकार कर दिया था। 
आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मानसिंह ने कहा, ‘‘श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में निंदात्मक शब्दों का प्रयोग करने के बाद तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ दीं। श्री अरविंद केजरीवाल का कृत्य राज्यसभा की अवमानना है और इस विषय पर संबंधित नियमों के तहत दंडनीय है।’’ 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के सभापति अब निर्णय करेंगे कि उनके नोटिस पर कार्रवाई की जाए अथवा नहीं। अगर वह कार्रवाई के बारे में सोचते हैं तो इसे सदन की विशेषाधिकार समिति के पास भेज देंगे, जो दिल्ली विधानसभा से केजरीवाल के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए कहेगा। 

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