दिल्ली हाई कोर्ट ने डॉक्टर्स एसोसिएशन की याचिका पर योग गुरु बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है। सात डॉक्टर्स एसोसिएशन ने योग गुरु पर एलोपैथी के खिलाफ कथित रूप से गलत सूचना फैलाने के आरोप में याचिका दायर की थी। मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होनी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से रामदेव के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई स्थगित कर दी थी। याचिका दायर करने वाले डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव बड़े पैमाने पर जनता को गुमराह कर रहे थे। वह गलत तरीके से ऐसा पेश कर रहे थे कि एलोपैथी कोरोना से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है और एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत का कारण बन रहे है।
याचिका में एसोसिएशन ने कहा है कि योग गुरु ने न केवल एलोपैथिक उपचारों बल्कि कोरोना टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के संबंध में आम जनता के मन में संदेह पैदा किया। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि गलत सूचना अभियान और रामदेव द्वारा बेचे गए उत्पाद की बिक्री को आगे बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन और रणनीति थी, जिसमें कोरोनिल भी शामिल है, जो कोरोना के लिए एक वैकल्पिक उपचार होने का दावा करती है। उन्होंने कहा कि रामदेव के निरंतर गलत सूचना अभियान को रोक दिया जाए।
हाई कोर्ट ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ उनके कथित बयानों और पतंजलि के कोरोनिल किट के दावों के संबंध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) की याचिका पर 3 जून को रामदेव को समन जारी किया था। इसने रामदेव के वकील को मौखिक रूप से कहा कि वह 13 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तक कोई भड़काऊ बयान न दें और मुकदमे का जवाब दें।