नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को सरकारी स्कूलों में हुई मेगा पैरेंट टीचर्स मीटिंग (पीटीएम) में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम केजरीवाल दीनदयाल मार्ग स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में पहुंचे और डिप्टी सीएम ने पोचनपुर स्थित गवर्नमेंट को एड सीनियर सैकेंडरी स्कूल, सेक्टर-22 के स्कूल ऑफ एक्सिलेंस सहित द्वारका सेक्टर-2 स्थित गवर्नमेंट को एड सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दौरा किया।
दोनों ने अभिभावकों, बच्चों और शिक्षकों से बात की। इस दौरान कई अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल कराया है। बच्चों ने पिछले पांच साल में स्कूल में हुए तमाम बदलाव के लिए सीएम केजरीवाल का धन्यवाद किया। वहीं शिक्षकों ने सीएम को बताया कि उन्हें गर्व है कि वह सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं।
20 प्राइवेट स्कूलों से 373 बच्चे आना चाहते थे सरकारी स्कूल
डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार की कोशिश रहती है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास की जानकारी उनके माता-पिता को दी जाये। इस बार जब हम पीटीएम करवाना चाहते थे तो विरोधियों ने सर्दी का बहाना बनाकर इसको रोकने की पूरी कोशिश की। विरोधियों को लगता है कि पीटीएम करने से हमे वोट मिलेंगे, पर उन्हें ये नहीं पता कि हमें वोट पांच सालों में किये गए कामों के लिए मिलेंगे। एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि पिछले साल के आसपास की दो विधानसभाओं के 20 प्राइवेट स्कूलों से 373 बच्चे हमारे स्कूल में आना चाहते थे पर उनमें से सिर्फ 64 बच्चे ही हमारे स्कूल के स्तर के थे।
स्कूलों की व्यवस्था देख हैरान हुए शिक्षक
पीटीएम के दौरान एक शिक्षक ने सीएम को बताया कि उसने इसी साल स्कूल ज्वाइन किया है। इससे पहले वे केन्द्रीय विद्यालय में थे। लेकिन दिल्ली सरकार के स्कूलों को देखकर वे हैरान हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से अच्छे हैं। मैं हैरान हूं कि सरकारी स्कूलों में पब्लिक स्कूलों से भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है। शिक्षक डाॅ हरेन्द्र सिंह ने बताया कि वे केमिस्ट्री के शिक्षक हैं।
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई पर अभिभावकों को गर्व
सीएम ने कहा कि अब बच्चों और उनके अभिभावकों को इस बात का गर्व है कि उनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वे अब अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। अब लोग सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य के पीछे दाखिला कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। जबकि पहले वे प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराने के लिए सिफारिश लगाते थे। उन्होंने कहा मैं पीटीएम में अभिभावकों से मिलने आया हूं। सभी अभिभावकों को पीटीएम में आना चाहिए।
दिल्ली में शिक्षा के नाम पर होनी चाहिए वोटिंग
केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पीटीएम का सिलसिला शुरू हुआ है। इससे अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षक भी काफी खुश हैं। दोनों को एक-दूसरे से मिलने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति नहीं होनी चाहिए। यहां सभी धर्मों के बच्चे पढ़ रहे हैं। यही तो अच्छी राजनीति है। इसीलिए वोटिंग शिक्षा के नाम पर होनी चाहिए।