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अब रेहड़ी-पटरी वालों को नहीं परेशान करेगी पुलिस और एमसीडी : केजरीवाल

दिल्ली में रेहड़ी-पटरी को कानूनी दर्जा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) का गठन कर दिया है।

नई दिल्ली : दिल्ली में रेहड़ी-पटरी को कानूनी दर्जा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) का गठन कर दिया है। इसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों को लाइसेंस देने की बात कही गई है। इससे दिल्ली के करीब 5 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को फायदा होगा। गौरतलब है कि स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत इस कमेटी का गठन वर्षों से लंबित था। इस संबंध में अब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत पूरी दिल्ली में 28 वेंडिंग कमेटी का गठन हुआ है। एक वेंडिंग कमेटी में 30 सदस्य हैं, जिनमें से 12 वेंडर है जो प्रक्रिया से चुने गए हैं। 
इनमें पुलिस अधिकारी, यातायात पुलिस अधिकारी, टाउन प्लानर, बाजार एसोसिएशन पदाधिकारी, रेहड़ी-पटरी संचालक होंगे। अब इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे करे। सर्वे के बाद रेहड़ी पटरी वालों को सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट के आधार पर ही आगे लाइसेंस दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें पुलिस और एमसीडी दुकान का संचालन करने से रोक नहीं सकती है। मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कानूनी दर्जा न होने के कारण रेहड़ी-पटरीवालों को कई सारी एजेंसियां परेशान करती रही हैं। 
उन्होंने कहा कि पुलिसवाले, एमसीडी अब रेहड़ी-पटरी वालों को परेशान नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि टाउन वेंडिंग कमेटी गठन का नोटिफिकेशन होने के बाद नगर-निगम को रेहड़ी-पटरी संचालकों का सर्वे करना होगा।  कैबिनेट मंत्री सतेंद्र जैन ने सोमवार को सभी निगमों के साथ बैठक कर एक सप्ताह में टीवीसी की मीटिंग बुलाने और सर्वे प्रारंभ करने को कहा है। साथ ही पूरी दिल्ली में दो माह में सर्वे का काम पूरा करने को कहा है। 
स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत टाउन वेंडिंग कमेटी बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही थी। टाउन वेंडिंग कमेटी को बनने से रोकने के लिए हर तरह के प्रयास हर स्तर पर हुए। मामला कोर्ट में भी ले जाया गया। जिस सरकार का काम रोका गया। लेकिन अरविंद केजरीवाल की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आखिरकार सरकार को सफलता मिली।
कहां होगा रेहड़ी पटरी का संचालन कमेटी करेगी तय 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे का काम पूरा होने के साथ ही वेंडरों को सर्टिफिकेट देने का काम भी पूरा हो जाएगा। सर्टिफिकेट में इस बात का जिक्र होगा कि रेहड़ी पटरी का संचालन कहां होगा। सर्टिफिकेट में संचालक की ओर से बेचे जाने वाले सामान की जानकारी भी होगी। साथ ही जोन और लोकेशन के बारे में विस्तार से डिटेल होगी। संचालक के नाम, पता समेत पूरी जानकारी भी होगी।
दिल्लीवालों को भी होगा फायदा
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि कोई भी नया व्यक्ति अब बिना टाउन वेंडिंग कमिटी को अप्लाय किए कहीं भी नहीं बैठ पाएगा। टाउन वेंडिंग कमिटी जहां जगह होगी, वहीं पर नए लोगों को बिठाएगी जिससे पूरा सिस्टम व्यवस्थित होगा और ट्रैफिक की समस्या का भी समाधान होगा।
इंटरनेशनल मानक के खोखे देने की योजना
दिल्ली सरकार की योजना है कि पूरी दिल्ली में रेहड़ी-पटरी संचालकों को इंटरनेशनल मानक का खोखा दिया जाए। इसमें सोलर लाइट की व्यवस्था हो, कूड़ेदान की व्यवस्था हो। उनका डिजाइन एक जैसा हो, जिससे देखने में भी खूबसूरत लगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर अध्ययन हो रहा है कि खोखे का किस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी संचालकों को दिया जा सकता है तथा इस पर होने वाले खर्च पर भी अध्ययन हो रहा है।
हटाए गए रेहड़ी-पटरी संचालक भी कर सकेंगे आवेदन
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में पिछले तीन-चार साल में जिन रेहड़ी-पटरी संचालकों को हटाया गया है, वह भी टाउन वेंडिंग कमेटी के पास आवेदन कर सकते हैं। साथ ही नए बाजार लगाने की इजाजत भी टाउन वेंडिंग कमेटी को ही देनी है। वेंडर कमेटी के पास ही यह सारा अधिकार होगा कि रेहड़ी-पटरी को किन जगहों पर लगाया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े शहर में आज रेहड़ी-पटरी लाइफलाइन हो गई हैं। 
साथ ही यह शहर के विकास और रोजगार देने का बड़ा साधन बनकर उभरे हैं। हॉन्ग कॉन्ग जैसे दुनिया के बड़े शहरों में भी स्ट्रीट वेंडर्स हैं। वह विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं। साथ ही शहर की लाइफलाइन बने हैं। दिल्ली में भी ऐसा ही है। यहां के लोगों की दैनिक आवश्यकता पूरी करने के साथ रेहड़ी-पटरियों से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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