राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भारत और इंडोनेशिया के बीच सामाजिक सौहार्द्र और अंतरधर्म शांति की संस्कृति को कायम रखने में उलेमा की भूमिका को लेकर आयोजित समारोह को संबोधित किया। दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित समारोह में NSA डोभाल ने इंडोनेशिया में आए भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया।
हाल ही में इंडोनेशिया में आए भयंकर भूकंप पर एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। दुख की इस घड़ी में भारत इंडोनेशिया के साथ खड़ा है। भारत और इंडोनेशिया में पीड़ितों और उनके परिवारों की शांति और सामाजिक सद्भाव के प्रति हमारी गहरी संवेदना है।
उन्होंने कहा कि हमारे साझा पड़ोस की बेहतरी के लिए हमारे आर्थिक और रक्षा संबंध भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारे ताल्लुकाद 14वीं शताब्दी से चले आ रहे हैं। भारत और इंडोनेशिया मिल कर दुनिया को बड़ा मैसेज दे सकते। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया समाजिक सदभावना की बड़ी मिसाल, क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद यह देश पुराने रीति रिवाज के साथ जुड़ा हुआ है।
अजीत डोभाल ने कहा कि भारत से लाखों लोग इंडोनेशिया की राजधानी बाली में मौजूद में जाते हैं। ये दौरा हमारे रिलेशन को और ज्यादा मजबूत करने में मदद करेगा। उलेमा का डेलिगेशन लाने का आइडिया बहुत अच्छा है। क्योंकि इन लोगों का समाज मे गहरा असर होता है ये लोग समाज में अपना अहम किरदार अदा कर सकते हैं।
भारत-इंडोनेशिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फल-फूल रहे लोकतंत्र
NSA ने आगे कहा, वैश्विक व्यवस्था में एक विवर्तनिक बदलाव की पृष्ठभूमि के खिलाफ, भारत और इंडोनेशिया, उनके इतिहास, विविधता, साझा परंपराओं और बढ़ती द्विपक्षीयता को देखते हुए एशिया में शांति, क्षेत्रीय सहयोग और समृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। हम (भारत-इंडोनेशिया) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फल-फूल रहे लोकतंत्र हैं।
उन्होंने कहा, इंडोनेशिया के तटों को पार करने वाले जल हमारे तटों को भी आच्छादित करते हैं। हमारे पास ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं और व्यापक लोगों से लोगों के बीच संबंध हैं। पर्यटन हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण सेतू रहा है।
NSA अजीत डोभाल ने कहा, हमारे दोनों देश (भारत और इंडोनेशिया) आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार रहे हैं। हालांकि हमने काफी हद तक चुनौतियों पर काबू पा लिया है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद और आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवाद की घटनाएं लगातार खतरा बनी हुई हैं।