नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामला अवैध तरीके से फोन टैप करने तथा एनएसई के कर्मचारियों की जासूसी कराए जाने से जुड़ा हुआ है।
विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने जमानत देने से इनकार किया और कहा कि इस चरण पर जमानत नहीं दी जा सकती। मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि मामले की जांच चल रही है और वह (चित्रा) ‘‘प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष’’ रूप से अपराध में लिप्त हैं।
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ईडी ने कहा, ‘‘एनएसई के शीर्ष अधिकारियों ने एनएसई के पीरियॉडिक स्टडी ऑफ साइबर वल्नरबिलिटीज के आड में आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट के पक्ष में समझौते अथवा कार्यादेश जारी किए और कानून के तहत अनिवार्य संबद्ध प्राधिकार से अनुमति लिए बगैर एक अवैध मशीन लगाकर अपने कर्मचारियों के फोन कॉल बीच में सुने.....।’’ ईडी ने कहा कि एनएसई के कर्मचारियों की कोई मंजूरी नहीं ली गई।