नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने देश में बढ़ती बेरोजगारी, छात्रों के मुद्दों एवं नौकरी दो या डिग्री वापस लो कैंपेन के तहत छात्र अधिकार मार्च का आयोजन किया गया, इस मार्च में भारत के अलग-अलग राज्यो से हजारों की संख्या में छात्रों एवं बेरोजगार युवाओं ने हिस्सा लिया। छात्र अधिकार मार्च एनएसयूआई के राष्ट्रीय मुख्यालय से शुरू होकर संसद भवन की ओर बढ़ा। हालांकि इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर रखी थी। संसद भवन की ओर कूच कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोका।
हालांकि एनएसयूआई के दावा किया की पुलिस ने एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत 200 से अधिक कार्यकर्ताओ और छात्रों को हिरासत में ले लिया। एनएसयूआई के मुताबिक अधिकार मार्च में कुछ असमाजिक तत्वों ने पुलिस व हमारे कार्यकर्ताओं पर पथराव किया। जिसकी एनएसयूआई कड़े शब्दो में निंदा की करती है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि, जब से देश में मोदी सरकार आई है तब से लगातार शिक्षा, छात्र एवं युवाओं पर हमले हुए हैं, छात्रों को शिक्षा लेने से वंचित किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में देरी से ज्वाइनिंग हो रही है।
दिल्ली पुलिस की वैकेंसी छात्रों के 7 करोड़ रुपए लूटने के बाद रद्द हो गयी, प्लेसमेंट सेल बिल्कुल निष्क्रिय हो चुकी है, जिसके कारण 3 करोड़ के लगभग छात्र इस सिस्टम के शिकार हो चुके हैं तथा बेरोजगारी पिछले 45 वर्षो में सबसे जयादा है।एनएसयूआई के अनुसार, केन्द्र सरकार अपने वादे निभाने में पूरी तरह नाकाम रही है, मोदी सरकार का प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा था, लेकिन मोदीजी ने उसके बदले हमारे देश को सिर्फ बेरोजगारी दी।
बिहार में 94 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं लेकिन सरकार भरना नहीं चाहती। मेडिकल परीक्षा के फार्म वर्षो से लटके हुए हैं। रेलवे एनटीपीसी परीक्षा में डेढ़ साल की देरी तथा यूपी शिक्षक भर्ती घोटाला भाजपा सरकार की युवा एवं छात्र विरोधी नीतियों के जीते जागते उदाहरण हैं, जिसके कारण बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है।