वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी बरकरार है। पिछले 24 घंटे में 110 नए मामलों की पुष्टि के बाद दिल्ली में 2003 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और 45 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वायरस के फैलाव को देखते हुए आज से राजधानी में रैपिड टेस्टिंग की शुरुआत की जा रही है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस टेस्टिंग के जरिए संक्रमितों की जांच तेजी से होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे पास 42,000 रैपिड टेस्टिंग किट उपलब्ध है और इससे जितने भी कंटेनमेंट ज़ोन हैं वहां टेस्टिंग की जाएगी। इस कदम से निश्चित तौर पर संक्रमितों की संख्या में कमी आएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली में कोरोना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सोमवार से पूर्णबंदी में किसी प्रकार की ढील नहीं दी गई है।
केजरीवाल ने रविवार को कहा कि आज की तारीख में दिल्ली में 77 कंटेनमेंट ज़ोन हैं। दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण के बाहर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पूरे देश की 2 प्रतिशत जनसंख्या रहती है लेकिन पूरे देश में कोरोना के जितने मामले हैं उसके 12 प्रतिशत दिल्ली में हैं। कोरोना की सबसे अधिक मार दिल्ली को झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों की जिंदगी का ख्याल रखते हुए हमने फैसला लिया है कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी।
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वहीं संक्रमितों की बात करें तो दिल्ली में कोरोना से 45 लोगों की मौत की उम्र के लिहाज से देखा जाये तो 10 मरने वालों की आयु 50 वर्ष से कम थी जो कुल मृतकों का 22 प्रतिशत है और इसमें नौ अर्थात 90 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें और भी बीमारी पहले से थी। आंकड़े के अनुसार 10 मरने वालों की आयु 50 वर्ष से अधिक और 59 वर्ष के बीच थी। यह संख्या भी मरने वालों का 22 प्रतिशत है। शेष 25 मरने वालों की उम्र 60 वर्ष और इससे अधिक थी। इनमें से 22 अर्थात 88 प्रतिशत को पहले से ही अन्य बीमारियां थीं।