नई दिल्ली : दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान दिव्यांगों में खासा जोश देखने को मिला। इस बार चुनाव आयोग के तरफ से दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थी। हर स्टेशन पर व्हील चेयर के अलावा उनकी मदद के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा उन्हें वोट डालने के दौरान प्राथमिकताएं भी दी गई। हालांकि कुछ जगहों पर दिव्यांगों ने सुविधा न मिलने की शिकायत भी की।
गोल मार्केट में वोट देने आए अजय सिंह ने कहा कि ने कहा कि चुनाव आयोग के तरफ से बेहतर सुविधाएं दी गई थी। वहीं उत्तम नगर के नन्हें पार्क से वोट देने आए एस एस विश्वकर्मा ने कहा कि उन्हें दिखाई नहीं देता। दोनों आंखे खराब हैं लेकिन आयोग के तरफ से सुविधा नहीं मिली। जबकि सूचना दी गई थी कि आयोग की गाड़ी घर से उन्हें वोट करवाने ले जाएगी। जबकि उन्हें खुद ही वोट डालने जाना पड़ा।
लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रों पर पहुंचे बुजुर्गों को वोट डलवाने में सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं और पुलिसकर्मियों ने खूब सहयोग किया। मतदान केन्द्र के गेट से लेकर अंदर तक पुलिसकर्मी और स्कूली बच्चे बुजुर्गों को आगे बढ़कर अपने साथ ले गए। तुगलकाबाद गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में भी यही नजारा था, जहां पुलिसकर्मी खुद व्हील चेयर लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की मदद को खुद व खुद आगे हो लिए। इसी तरह मीठापुर प्राइमरी स्कूल के बूथ पर व्हील चेयर का प्रबंध किया था।
वोट करेंगे तो सरकार करेगी अच्छे काम
नंदनगरी में रहने वाली दिव्यांग संगीता ने काफी उत्साहित होकर वोट किया। उसकी बहन चन्द्रप्रभा उसे मतदान केन्द्र तक व्हीलचेयर पर लेकर पहुंची। संगीता पैरों से चलन में अक्षम है लेकिन वह देखने, सुनने बोलने में अक्षम है। संगीता का कहा कहना है कि यदि हम वोट करते हैं तो सरकार हमारे लिए अच्छे-अच्छे काम करती है।
इन कामों का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलता है। इसीलिए न केवल दिव्यांग बल्कि सामान्य लोगों को भी बढ़चढ़कर वोट करना चाहिए। पोलिंग बूथ पर बुर्जुगों ने भी बढ़ चढ़ कर मतदान किया। इस दौरान दिल्ली चुनाव आयोग की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए।