रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य से बेरोजगारी समाप्त करना सरकार की प्राथमिकता में है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश पर चलते हुए कौशल विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है। लोगों को हुनरमंद बनाकर हम रोजगार या स्वरोजगार से जोडक़र गरीबी समाप्त कर सकते हैं। हमारे 24 में से 19 आकांक्षी जिले हैं। इनमें भी छह जिले अति पिछड़े जिलों की श्रेणी में आते हैं। इन क्षेत्रों में काफी गरीबी है।
नक्सल के कारण जो जिले विकास नहीं कर पाये थेए अब उन जिलों पर विशेष फोकस करना है। यहां मेगा ट्रेनिंग सेंटर खोलकर स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ें। उक्त बातें उन्होंने झारखंड कौशल विकास मिशन द्वारा ग्लोबल स्कील समिट 2019 के आयोजन को लेकर हुई समीक्षा बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि अगले साल 12 जनवरी तक कौशल विकास के माध्यम से एक लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। 8 से 10 हजार रुपये तक के शुरुआत मासिक तनख्वाह में बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है।
अपने अनुभव व कौशल से ये बच्चे आनेवाले समय में और अधिक से अधिक तनख्वाह पा सकेंगे। देश ही नहीं विदेशों में भी झारखंड के प्रशिक्षित बच्चे नौकरी के लिए जा रहे हैं। यह अच्छा संकेत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चेकपोस्ट के लिए बने भवनों समेत जिलों में बेकार पड़े भवनों में स्कील ट्रेनिंग संस्थान खोलें। वहां ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्रशिक्षण दें। उन्होंने कहा कि कपड़े व लेदर उद्योग में प्रशिक्षित मानव संसाधन की काफी मांग है।
उद्योगों की जरूरत व बाजार की मांग के अनुरूप ही प्रशिक्षण दें। विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि झारखंड में इस वर्ष कौशल विकास के माध्यम से अब तक 34 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। साथ ही 53 हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से कई लोग स्वरोजगार कर रहे हैं। 30 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है।
अभी तक जिन 34 हजार युवाओं को नौकरी मिली हैए उनमें 68 प्रतिशत युवाओं को आठ से दस हजार रुपये तथा 17 प्रतिशत बच्चों को दस हजार रुपये से ज्यादा तनख्वाह की नौकरी मिली है। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह, कल्याण सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय, उद्योग सचिव विनय कुमार चौबे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।